Friday, June 2, 2023

सपा में आज शामिल होगा हरिशंकर तिवारी का कुनबा, BJP विधायक भी होंगे साइकिल पर सवार

उत्तर प्रदेश में ठाकुरों और ब्राह्मणों के बीच वर्चस्व की जंग गोरखपुर की जमीन से ही शुरू हुई थी। वीरेंद्र शाही और हरिशंकर तिवारी के बीच की लड़ाई की वजह से ही पूर्वांचल की सियासत में बाहुबलियों के लिए दरवाजे खोल दिये।

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लखनऊ। उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनावों से पहले सभी राजनीतिक पार्टियों में नेता अपना भविष्य तलाश रहे हैं। एक दल से दूसरे दल में आने-जाने का सिलसिला तेज हो गया है। इसी कड़ी में पूर्वांचल की सियासत में ब्राह्मण चेहरा माने जाने वाले बाहुबली हरिशंकर तिवारी का परिवार रविवार को समाजवादी पार्टी में शामिल होगा। हरिशंकर तिवारी के दोनों बेटे विनय शंकर और कुशल तिवारी लखनऊ पहुंच गए है। साथ ही संतकबीरनगर-खलीलाबाद से बीजेपी विधायक दिग्विजय नारायण चैबे उर्फ जय चैबे, करनैलगंज से बहुजन समाज पार्टी के प्रत्याशी रहे संतोष तिवारी, पूर्व विधान परिषद के सभापति गणेश शंकर पांडे और कुशीनगर से भारतीय जनता पार्टी सांसद के भतीजे भी अखिलेश यादव की साइकिल पर सवार हो जाएंगे।

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Vinay shanker tiwari

गोरखपुर से सटे बस्ती मंडल में वोटों का गणित बैठने के लिहाज से और बीजेपी को झटका देने की तैयारी है। बीजेपी विधायक दिग्विजय नारायण  की सपा में एंट्री कराई जा रही है। हरिशंकर तिवारी के छोटे बेटे विधायक विनय शंकर तिवारी, बड़े बेटे व पूर्व सांसद कुशल तिवारी और भांजा गणेश शंकर पांडे आज समाजवादी पार्टी जॉइन करेंगे। ब्राह्म्ण बनाम ठाकुर की राजनीति के बीच हरिशंकर तिवारी परिवार का सपा में जाने से पूर्वांचल के समीकरण बदल सकते हैं। यह क्षेत्र ब्राह्मण बहुल माना जाता है और हरिशंकर तिवारी पूर्वांचल में ब्राह्मणों के बड़े चेहरे हैं। इससे दलबदल से समाजवादी पार्टी चुनाव में सियासी बढ़त हासिल करने का काम किया है।

ऐसा है हरिशंकर तिवारी का इतिहास

उत्तर प्रदेश में ठाकुरों और ब्राह्मणों के बीच वर्चस्व की जंग गोरखपुर की जमीन से ही शुरू हुई थी। वीरेंद्र शाही और हरिशंकर तिवारी के बीच की लड़ाई की वजह से ही पूर्वांचल की सियासत में बाहुबलियों के लिए दरवाजे खोल दिये। हरिशंकर तिवारी चिल्लूपार विधानसभा सीट से 6 बार विधायक भी रहे हैं। हालांकि 2007 में उन्हें इस सीट से हार का सामना करना पड़ा। हरिशंकर तिवारी कल्याण सिंह, राजनाथ सिंह और मुलायम सिंह सरकार में मंत्री भी रहे। बताया जाता है कि इस ब्राह्मण परिवार का सपा में जाना बसपा के लिए झटका तो होगा ही, साथ ही बीजेपी के लिए भी चुनौती बढ़ेगी। ब्राह्मणों के नाराजगी का मुद्दा योगी सरकार में काफी गरमाया हुआ है जिसका सपा लाभ उठाने का प्रयास कर रही है।

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