लखनऊ। विधानसभा चुनाव के करीब आने के साथ ही जातिगत मुद्दे और समीकरण पर सभी राजनीतिक दल बयानबाजी करने लगे हैं। सत्ताधारी भारतीय जनता पार्टी के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष लक्ष्मीकांत वाजपेयी ने ब्राह्मण उत्पीड़न पर बयान जारी किया है। श्री वाजपेयी ने कानपुर के चर्चित बिकरु कांड के आरोपी गैंगस्टर विकास दुबे के सहयोगी अमर दुबे की पत्नी खुशी दुबे के उत्पीड़न के विपक्ष के आरोप का भी जवाब दिया। उन्होंने कहा कि खुशी दुबे का कोई दोष नहीं है। खुशी दुबे के मामले में उत्तर प्रदेश सरकार को विचार करना चाहिए। उन्होंने विपक्ष के आरोप पर कहा कि विपक्षी दल इस मुद्दे पर सियासत करना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि खुशी दुबे को विपक्षी दल न्याय दिलाना नहीं चाहते हैं।
लक्ष्मीकांत वाजपेयी ने कहा कि विपक्षी दलों को अगर खुशी दुबे को न्याय दिलाना होता था तो वे न्यायालय में जाते। न्यायालय में जाने से विपक्षी दलों को किसने रोका है, उन्हें कानूनी मदद करना चाहिए। उन्होंने विपक्षी दलों के आरोप का जवाब देते खुशी दुबे के नाबालिग होने को लेकर शादी पर भी सवाल खड़े किये। लक्ष्मीकांत वाजपेयी ने ब्राह्मण उत्पीड़न के आरोप पर भी जवाब दिया।
उन्होंने कहा कि हमारे यहां कोई ब्राह्मण, ठाकुर या किसी जाति का कभी मुख्यमंत्री नहीं बनता है। उन्होंने कहा कि भारतीय जनता पार्टी में जो भी मुख्यमंत्री बनता है, वो कमल के फूल वाला होता है। इससे पहले कांग्रेस के राज्यसभा सांसद प्रमोद तिवारी और समाजवादी पार्टी के पवन पांडेय ने लक्ष्मीकांत वाजपेयी की उपेक्षा को लेकर भी सवाल उठाए।
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