- सभी मतदान कर्मी कोरोना फ्रंट वर्कर घोषित
- चुनाव के दौरान कालेधन पर रहेगी विशेष नजर
- आपराधिक पृष्ठभूमि के प्रत्याशी को बताना होगा सच
- एयरपोर्ट और स्टेशनों पर रहेगा जांच एजेंसियों का पहरा
- तीन से अधिक समय से जमे पुलिस अधिकारी हटेंगे
- प्रदेश में बढ़ीं महिला मतदाताओं की संख्या
लखनऊ। चुनाव आयोग ने गुरुवार को लखनऊ में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की जिसमें विधानसभा चुनावों की व्यवस्थाओं और तैयारियों पर बात की। चुनाव आयोग ने बताया कि उत्तर प्रदेश के सभी दलों ने उनसे समय पर चुनाव कराने की मांग की है। कोरोना के नए वैरिएंट ओमिक्रॉन की वजह से चुनाव नहीं टाला जाएगा। चुनाव की तारीखों का ऐलान 5 जनवरी के बाद होगा। मुख्य निर्वाचन आयुक्त सुशील चंद्रा ने पत्रकारों को सम्बोधित करते हुए कहा कि दोनों डोज लिए हुए लोगों को ही मतदान कर्मी के रूप में लगाया जायेगा। सभी मतदान कर्मी कोरोना फ्रंट वर्कर घोषित होंगे। तीनो साल से एक ही स्थान पर पुलिस अधिकारी हटाए जायेंगे। हर संदिग्ध गतिविधि पर नजर रखने के लिए सी विलेज एप बनाया गया है। चुनाव के दौरान काले धन पर विशेष नजर रखी जायेगी। चुनाव के दौरान शराब बाटने पर होंगी कड़ी करवाई होगी। चुनाव के दौरान सभी एजेंसी मिलकर काम करेंगी। रेलवे और एयरपोर्ट पर विशेष नजर रखी जाये। आपराधिक पृष्टभूमि के प्रत्याशी और सम्बंधित दल को जनता को पूरी सूचना देनी होगी।
मुख्य निर्वाचन आयुक्त सुशील चंद्रा ने बताया कि 18 से 19 साल के नए मतदाताओं की तादाद पिछले चुनाव से तीन गुना ज्यादा है। इसमें हजार पुरुष मतदाताओं में 839 महिलाओं का अनुपात अब 868 हो गया है। मतलब पांच लाख महिला मतदाता बढ़ी हैं। राज्य में अब तक मतदाताओं की कुल संख्या 15 करोड़ से अधिक है। 2022 के अनुसार अबतक 52.8 लाख नए मतदाताओं को सम्मिलित किया गया है। इसमें 23.92 लाख पुरूष और 28.86 लाख महिला मतदाता हैं। 18-19 आयु वर्ग के 19.89 लाख मतदाता हैं। चुनाव आयोग का मकसद स्वतंत्र, निष्पक्ष, सुरक्षित, प्रलोभन मुक्त कालाधन मुक्त चुनाव कराना है।
पांच जनवरी तक फाइनल मतदाता सूची जारी होगी लेकिन नामांकन के आखिरी दिन तक भी अतिरिक्त सूची बन सकेगी। चुनाव आयोग ने बताया कि बुजुर्गों और दिव्यांगों को घर से वोट की सुविधा भी दी जाएगी। प्रदेश में मतदाताओं की संख्या को देखते हए पोलिंग बूथों को भी बढ़ाया जाएगा। लखनऊ में हुई चुनाव आयोग की प्रेस कॉन्फ्रेंस में सुशील चंद्रा ने उन सुझावों के बारे में भी बताया गया जो राजनीतिक दलों की तरफ से उनको मिले हैं।
राजनीतिक पार्टियों की तरफ से मिले सुझाव
- कोविड प्रोटोकॉल का पालन करते हुए समय से चुनाव हों, सभी दलों की तरफ से मांग हुई।
- रैलियों की संख्या और रैलियों में संख्या सीमित हो।
- दिव्यांग और 80 साल से ज्यादा बुजुर्ग मतदाताओं को घर से ही मतदान करने की सुविधा मिले।
- इनकी अलग पहचान वाली सूची भी जारी करने की मांग है।
- कोरोना संकट को ध्यान में रखते हुए प्रदेश में पोलिंग बूथ की संख्या को 11 हजार तक बढ़ाया जाएगा। एक
- बूथ पर पहले 1500 वोट होते थे, जिन्हें घटाकर 1200 किया गया है।
चुनाव आयोग ने इन सुधारों का किया ऐलान
बुजुर्ग वोटर को घर से मतदान की सुविधा। अन्य आईडी कार्ड से भी वोट डालने की सुविधा रहेगी। सभी बूथ पर इवीएम लगाई जाएगी। 400 मॉडल पोलिंग बूथ बनाए जाएंगे। हर क्षेत्र में आदर्श पोलिंग बूथ बनाए जाएंग। उत्तर प्रदेश मे 800 महिला पोलिंग बूथ बनाए जाएंगे। मतदान का समय भी बढ़ाया जाएगा।
यह भी पढ़ेंः-फरवरी से अप्रैल के बीच हो सकते हैं विधानसभा चुनाव, ऐसी है चुनाव आयोग की तैयारी