Ram Mandir: नेपाल के काली गंडकी नदी से मिली छह करोड़ साल पुराने शालिग्राम पत्थर गोरखपुर पहुंच चुका है. शालिग्राम पत्थर की दो देव श्री राम का अयोध्या पहुंचने के पहले गोरखपुर में भव्य रूप से स्वागत किया गया. गोरखनाथ मंदिर में ही देवशिला रथ का रात्रि विश्राम होने वाला है. 1 फरवरी की सुबह सीएम योगी आदित्यनाथ विधि-विधान तौर पर रथ को अयोध्या के लिए रवाना करेंगे. खबरों के अनुसार मंगलवार को बात करते हुए श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र के महासचिव चंपत राय ने बोला था कि आध्यात्मिक महत्व रखने वाले सदियों पुराने शिलाखंड रामकथा कुंज पहुंचेंगे, जहां पर उन्हें भक्तों द्वारा पूजा के लिए खोल दिया जाएगा।
नेपाल में काली गंडकी के पत्थर
उन्होंने यह भी बताया कि नेपाल में काली गंडकी नाम का एक झरना है जहां पर दामोदर कुंड से ये झरना बहता है और गणेश्वर धाम गंडकी से लगभग 85 किलोमीटर उत्तर में यह है. दोनों पत्थर वहीं से लाया गया है. यह स्थान समुद्र तल से 6000 फीट की ऊंचाई पर बना हुआ है. लोगों का कहना है कि यह करोड़ों साल पुराना है दोनों पत्थरों का वजन लगभग 30 टन है उन्होंने बताया कि गोरखपुर में श्रद्धालुओं द्वारा पूजा किए जाने वाले दोनों शिलाखंडों को 2 फरवरी को अयोध्या मंदिर में दे दिया जाएगा, जो श्रद्धालु इच्छुक होंगे. उन्हें रात 10:30 बजे तक रामसेवक पुरम पहुंच कर शिलाखंडों की पूजा कर सकते हैं.
अयोध्या में हो रही सफाई
महासचिव राय के अनुसार जिस जगह पत्थर रखे जाएंगे वहां की सफाई हो रही है. उन्होंने आगे भी बताया कि मुझे शिलाखंडों के ऐतिहासिक और सांस्कृतिक महत्व के बारे में कोई जानकारी नहीं है. मैंने सुना है कि गंडकी के पत्थर को शालिग्राम बोला जाता है, जिनको भगवान विष्णु का ही रूप कहा गया है. काली गंडकी जब नेपाल से बिहार आती है तो उसे नारायणी पुकारते हैं.
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