कानपुर। भारतीय जनता युवा मोर्चा (भाजयुमो) उत्तर प्रदेश की ओर से अरविंद राज त्रिपाठी उर्फ छोटू त्रिपाठी को प्रदेश मंत्री बनाए जाने पर सियासी गलियारे में बवाल हो रहा है। छोटू त्रिपाठी के खिलाफ 16 मुकदमे दर्ज हैं और उसकी हिस्ट्रीशीट खुल चुकी है। वहीं छोटू त्रिपाठी का दावा है कि इसमें से 15 केस में वह बरी हो चुका है जबकि एक मामला हाई कोर्ट में विचाराधीन है। बताया जा रहा है कि अरविंद राज त्रिपाठी उर्फ छोटू त्रिपाठी का परिवार शुरू से भारतीय जनता पार्टी का समर्थक था। छोटू त्रिपाठी विद्यार्थी जीवन में ही विद्यार्थी परिषद् से जुड़ गया था। उनके परिवार में तीन बार से लगातार बीजेपी का पार्षद चुना गया है। एक बार उनकी मां और दो बार से उनका भाई पार्षद है। छोटू कानपूर की छात्र राजनीति से जुड़ा रहा है। सोमवार को भाजयुमो ने छोटू त्रिपाठी को प्रदेश मंत्री बना दिया। इस घोशणा के बाद सियासी हड़कम्प मच गया। इसके बाद उनके हिस्ट्रीशीटर होने के दावे किए जा रहे हैं। बताया जा रहा है कि इस व्यक्ति के उपर कानपुर के एक थाने में 16 मामले दर्ज हैं। हालांकि छोटू त्रिपाठी का कहना है कि मेरे ऊपर विरोधी पार्टियों ने केस दर्ज कराये थे जो एक साजिश थी।
खुद के हिस्ट्रीशीटर होने पर अरविंद राज त्रिपाठी उर्फ छोटू त्रिपाठी का कहना है कि बीएसपी सरकार में स्थानीय बीएसपी प्रत्याशी के हारने के कारण बीएसपी ने मेरी हिस्ट्रीशीट खुलवाई थी। उसने अपने मामलों के बारे में बताया कि मैं इस समय 15 केस बरी हो चुका हूं। मेरे ऊपर केस सपा-बसपा सरकार के दौर में दर्ज हुए थे। छोटू त्रिपाठी की सफाई अपनी जगह है लेकिन उनके ऊपर अब तक दर्ज हो चुके 16 केस और उनके हिस्ट्रीशीट होने की बात अब खुद बीजेपी के अंदर चर्चा का विषय बनी हुई है। बीजेपी के कुछ दबे जुबान पार्टी का बचाव करते हुए कह रहे हैं कि हो सकता है कि ‘पार्टी को उनके ऊपर दर्ज केस की जानकारी न हो।
सनी गिल मर्डर में हुई थी आजीवन कारावास की सजा
अरविंद राज त्रिपाठी की थाना काकादेव में हिस्ट्रीशीटर खुली है। अरविन्द के खिलाफ हत्या, हत्या के प्रयास, रंगदारी सहित तमाम गंभीर धाराओं में 16 मुकदमे दर्ज हो चुके हैं। 2005 में चकेरी थानाक्षेत्र में छात्र नेता सनी गिल की हत्या के मामले में अरविंद को आरोपित बनाया गया था। सनी गिल की हत्या केस में अरविंद राज त्रिपाठी को सीतापुर सेशन कोर्ट ने आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी। इस हत्याकांड में वह लंबे समय तक जेल में रहा है। अरविंद राज त्रिपाठी की हिस्ट्रीशीट पर कानपुर पुलिस कुछ भी बोलने से बच रही है।
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