मुजफ्फरनगर जिले की एक शादी उस समय पूरे क्षेत्र में चर्चा का विषय बन गई जब दूल्हे ने दहेज में मिले 21 लाख रुपये सबके सामने वापस कर दिए। शहर के एक लग्जरी बैंक्वट हॉल में हो रही इस शादी में मौजूद लोगों ने इस अनोखी और साहस भरी घटना को अपनी आंखों से देखा। दुल्हन के परिवार ने इस पैसे को वर्षों की मेहनत और बचत से इकट्ठा किया था, लेकिन दूल्हे ने इसे दहेज मानकर स्वीकार करने से साफ इनकार कर दिया। उसके इस कदम ने न सिर्फ परिवार बल्कि वहां मौजूद हर व्यक्ति को भावुक कर दिया।
दुल्हन के पिता की कमी, मामा–नाना ने निभाई जिम्मेदारी
शादी में भावनाएं और अधिक गहरी इसलिए भी थीं क्योंकि दुल्हन अदिति सिंह के पिता का निधन हो चुका है। ऐसे में उनकी परवरिश से लेकर शादी तक की सारी जिम्मेदारी उसके मामा और नाना ने संभाली। दोनों परिवारों की मौजूदगी में रस्में शांतिपूर्वक चलीं। नाना सुखपाल सिंह ने कन्यादान कर अपनी जिम्मेदारी पूरी की। जैसे ही दूल्हे अवधेश राणा ने 21 लाख रुपये लौटाने की घोषणा की, दुल्हन का परिवार भावुक हो गया और वहां मौजूद लोगों ने जोरदार तालियों से उसका स्वागत किया।
दूल्हे अवधेश राणा की सोच ने जीता सबका दिल
नगवा गांव निवासी दूल्हे अवधेश राणा ने शुरुआत से ही दहेज लेने से इनकार कर दिया था। उनका कहना था कि यह पैसा अदिति के पिता की मेहनत की कमाई है, इसलिए दुल्हन और उसके परिवार का ही हक है। मंच पर खड़े होकर उन्होंने कहा कि शादी प्रेम और सम्मान से बनती है, पैसों से नहीं। इस सोच ने बुजुर्गों से लेकर युवाओं तक, सभी को प्रभावित किया। समाज के लोगों ने इसे दहेज प्रथा के खिलाफ एक प्रबल संदेश बताया और कहा कि ऐसे कदम समाज में सकारात्मक बदलाव ला सकते हैं।
पूरे जिले में चर्चा, समाजसेवियों ने की सराहना
अवधेश राणा द्वारा दहेज लौटाने की खबर तेजी से पूरे जिले में फैल गई। सोशल मीडिया पर भी लोग उसकी तारीफ करते नहीं थक रहे। कई सामाजिक संगठनों ने इसे एक प्रेरणादायक उदाहरण बताते हुए कहा कि अगर युवा पीढ़ी ऐसी सोच अपनाए, तो दहेज जैसी बुराई अपने आप खत्म हो जाएगी। अदिति और अवधेश दोनों ने इस विवाह को सामाजिक जिम्मेदारी और आपसी सम्मान का प्रतीक बना दिया। यह घटना आने वाले समय में कई परिवारों को प्रेरित कर सकती है।
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