उत्तर प्रदेश के डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने राज्य में स्वास्थ्य सेवाओं में लापरवाही करने वाले डॉक्टरों पर सख्त कार्रवाई का आदेश दिया है। उन्होंने स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए कि 7 डॉक्टरों को तत्काल प्रभाव से बर्खास्त किया जाए। यह कार्रवाई उन डॉक्टरों के खिलाफ की गई है जिन्होंने ड्यूटी से लगातार अनुपस्थित रहकर और नियमों की अवहेलना करके स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता पर गंभीर प्रभाव डाला।
उपस्थिति और वित्तीय अनियमितताओं पर भी ध्यान
डिप्टी सीएम के आदेश के तहत केवल बर्खास्तगी ही नहीं बल्कि कई अन्य डॉक्टरों के खिलाफ विभागीय कार्रवाई की प्रक्रिया भी शुरू की गई है। इनमें उन डॉक्टरों को भी शामिल किया गया है जो ड्यूटी में लापरवाह पाए गए, बिना अनुमति के अनुपस्थित रहते हैं या स्वास्थ्य विभाग की वित्तीय और प्रशासनिक नियमों का उल्लंघन करते हैं। अधिकारियों ने बताया कि यह कदम स्वास्थ्य विभाग की पारदर्शिता और जिम्मेदारी सुनिश्चित करने के लिए उठाया गया है।
सख्त कदम से सुधार की उम्मीद
विशेषज्ञों का कहना है कि इस तरह की सख्त कार्रवाई स्वास्थ्य विभाग में अनुशासन और जवाबदेही बढ़ाने में मदद करेगी। डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक का यह कदम अस्पतालों और स्वास्थ्य केंद्रों में मरीजों को बेहतर सेवाएं उपलब्ध कराने के लिए भी प्रेरक साबित हो सकता है। स्थानीय लोगों और स्वास्थ्य कर्मियों का कहना है कि यह कार्रवाई स्वास्थ्य क्षेत्र में अनुशासन और सुधार के लिए एक सकारात्मक संदेश है।
नियमों का पालन और लगातार निगरानी
स्वास्थ्य विभाग ने कहा है कि आगे भी सभी डॉक्टरों और कर्मियों की नियमित उपस्थिति और कार्य प्रदर्शन पर निगरानी रखी जाएगी। विभाग ने यह स्पष्ट किया कि नियमों का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। इस प्रकार की कार्रवाई न केवल अधिकारियों और डॉक्टरों के लिए चेतावनी है, बल्कि मरीजों और आम जनता के लिए भी स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता सुनिश्चित करने का संदेश देती है।
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