उत्तर प्रदेश के Hardoi जिले में शुक्रवार को एक ऐसा मामला सामने आया जिसने पूरे जिले में सनसनी फैला दी। यहां लक्ष्य मिश्रा नाम के किशोर की संदिग्ध हालत में मौत हो गई। उसका शव बघौली रेलवे ट्रैक पर मिला। चौंकाने वाली बात यह है कि कुछ घंटे पहले ही लक्ष्य पुलिस की गिरफ्त से भागकर घर पहुंचा था।
परिवार का दावा है कि पुलिस की मारपीट और लापरवाही के चलते यह हादसा हुआ। इस घटना ने Hardoi पुलिस की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। परिजनों का आरोप है कि लक्ष्य को कोतवाली में बुरी तरह टॉर्चर किया गया, और उसी सदमे में उसकी जान चली गई या फिर उसे किसी ने मारकर ट्रैक पर फेंक दिया।
परिजनों ने पुलिस पर लगाया गंभीर आरोप
पूरा मामला तब शुरू हुआ जब शिवओम की तहरीर पर पुलिस ने लक्ष्य, उसके पिता पवन मिश्रा और दो अज्ञात दोस्तों के खिलाफ जानलेवा हमले की धाराओं में रिपोर्ट दर्ज की थी।
पुलिस ने गुरुवार को पवन मिश्रा को जेल भेज दिया, जबकि देर रात लक्ष्य को भी हिरासत में लिया गया। परिवार का आरोप है कि लक्ष्य को पूरी रात कोतवाली में थर्ड डिग्री दी गई, और शुक्रवार सुबह वह किसी तरह भागकर घर पहुंच गया।
आधी रात ट्रेन रनओवर की खबर से मचा हड़कंप
गुरुवार देर रात करीब 12:30 बजे, लखनऊ-दिल्ली सुपरफास्ट एक्सप्रेस के पायलट विमल जॉनसन ने हरदोई के बघौली स्टेशन अधीक्षक को सूचना दी कि ट्रेन से किसी व्यक्ति की मौत हो गई है।
अध्यक्ष ने तुरंत जीआरपी और बघौली पुलिस को जानकारी दी। पुलिस मौके पर पहुंची और रेल ट्रैक से शव बरामद किया। पहचान पहले नहीं हो पाई, लेकिन बाद में लक्ष्य के एक दोस्त ने शव की पहचान की।
परिजनों को जब इसकी सूचना मिली तो घर में कोहराम मच गया। मां दीपमाला, भाई आशीष और देव समेत कई रिश्तेदार मोर्चरी पहुंचे और भारी हंगामा किया। उनका आरोप था कि अगर पुलिस ने सही समय पर कार्रवाई की होती, तो लक्ष्य आज जिंदा होता।
परिजनों का आरोप – “पुलिस ने सबूत मिटाने की कोशिश की”
मोर्चरी के बाहर का नजारा बेहद दर्दनाक था। मां दीपमाला बेसुध होकर रो रही थीं। उन्होंने कहा, “मेरे बेटे को पुलिस ने रातभर मारा। वो डर गया था, कोतवाली से भागा और अब वो नहीं रहा। यह खुदकुशी नहीं, पुलिस की साजिश है।”
परिवार ने यह भी आरोप लगाया कि पुलिस ने पहले लक्ष्य की गिरफ्तारी की जानकारी छिपाई, और फिर उसके फरार होने के बाद भी कोई खोजबीन नहीं की। कुछ स्थानीय लोगों ने दावा किया कि मौके पर संघर्ष के निशान मिले हैं, जो यह संकेत देते हैं कि लक्ष्य की मौत संदिग्ध परिस्थितियों में हुई है। लोगों का कहना है कि अगर पुलिस ने गंभीरता से जांच की होती, तो एक मासूम की जान न जाती।
जांच में जुटी पुलिस, कार्रवाई का मिला आश्वासन
घटना की जानकारी पर सीओ सिटी अंकित मिश्रा मौके पर पहुंचे और परिजनों को शांत किया। उन्होंने कहा, “मामले की निष्पक्ष जांच होगी, और पोस्टमार्टम रिपोर्ट के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी।” फिलहाल शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है, और हरदोई पुलिस ने कई बिंदुओं पर जांच शुरू कर दी है — क्या यह पुलिस की प्रताड़ना से हुई आत्महत्या है या किसी साजिश के तहत की गई हत्या?
साथ ही सवाल यह भी है कि अगर लक्ष्य पुलिस हिरासत में था, तो वह कैसे भाग निकला? क्या सुरक्षा व्यवस्था में कोई चूक हुई या फिर किसी ने उसे जानबूझकर छोड़ दिया?
Hardoi में गूंज उठा सवाल – मौत या हत्या?
Hardoi के बघौली क्षेत्र में यह घटना चर्चा का केंद्र बन गई है। लोग कह रहे हैं कि यह सिर्फ एक किशोर की मौत नहीं, बल्कि कानून व्यवस्था पर गहरी चोट है।
गांव में मातम पसरा हुआ है। स्थानीय लोगों का कहना है कि अब जांच से यह साफ होना चाहिए कि आखिर लक्ष्य की मौत दबाव में हुई आत्महत्या थी या सुनियोजित हत्या।
Hardoi के पुलिस अधिकारी लगातार लोगों को भरोसा दिला रहे हैं कि किसी भी दोषी को बख्शा नहीं जाएगा, लेकिन परिवार अभी भी न्याय की मांग पर अड़ा हुआ है।
