सीमा हैदर पाकिस्तान की मूल निवासी हैं, जो कुछ समय पहले भारत में आईं। उनकी भारत में स्थिति कानूनी दृष्टि से विवादित है, क्योंकि उन्हें अवैध प्रवेश के आरोपों का सामना करना पड़ रहा है। सीमा ने भारत में अपने रहने और जीवन यापन के लिए कोर्ट में जमानत ली हुई है और वे नियमित रूप से न्यायिक प्रक्रियाओं में पेश होती रहती हैं।
अवैध प्रवेश के आरोप और कोर्ट में पेशी
सीमा हैदर पर अवैध प्रवेश का मामला पहले से कोर्ट में लंबित है। उनके खिलाफ केस के तहत न्यायालय ने उन्हें जमानत दी है, जिससे वे फिलहाल न्यायिक प्रक्रिया के दौरान मुक्त हैं। कोर्ट केस उनके भारत में रहने की कानूनी वैधता और नागरिकता से जुड़ी जाँच पर आधारित है। इसे ध्यान में रखते हुए कोई प्रशासनिक अभियान जैसे SIR, उनके केस को सीधे प्रभावित नहीं करता।
क्या चल रहा है अभियान?
हाल ही में चल रहे SIR अभियान (Systematic Intensive Revision) का उद्देश्य मतदाता सूची की सफाई और अद्यतन करना है। मीडिया में कुछ चर्चा हुई कि SIR अभियान सीमा हैदर के मामले को प्रभावित कर सकता है, लेकिन यह पूरी तरह गलत है। SIR सिर्फ वोटर लिस्ट में डुप्लीकेट या गलत एंट्री को सुधारता है। यह अभियान किसी के कानूनी स्टेटस, नागरिकता या गिरफ्तारी से जुड़ा नहीं है।
कोर्ट तय करेगा सीमा हैदर का भविष्य
सीमा हैदर के केस और SIR अभियान दोनों अलग प्रक्रियाएं हैं। आम जनता के लिए यह जरूरी है कि वे अपने वोटर आईडी और मतदाता जानकारी को समय-समय पर अपडेट करें। इससे चुनाव प्रक्रिया पारदर्शी और व्यवस्थित बनती है। सीमा हैदर की स्थिति पर SIR का कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा। उनका केस कोर्ट में चल रहा है और भविष्य में न्यायालय का निर्णय ही उनकी कानूनी स्थिति तय करेगा।
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