उत्तर प्रदेश सरकार ने राज्य के स्वास्थ्य ढांचे को मजबूत करने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। प्रदेश के 20 सरकारी अस्पताल अब हाईटेक सुविधाओं से लैस होंगे। इसके लिए सरकार ने करीब 13 करोड़ 46 लाख रुपये का बजट मंजूर किया है। डिप्टी सीएम एवं स्वास्थ्य मंत्री ब्रजेश पाठक ने बताया कि यह बजट स्वास्थ्य सेवाओं को आधुनिक बनाने और मरीजों को बेहतर इलाज उपलब्ध कराने के उद्देश्य से जारी किया गया है। राजधानी लखनऊ के सिविल अस्पताल और बलरामपुर अस्पताल सहित 20 जिलों को इस परियोजना में शामिल किया गया है।
कौन-कौन से उपकरण मिलेंगे?
सरकार द्वारा मंजूर किए गए बजट का उपयोग अस्पतालों में नए और अत्याधुनिक उपकरणों की खरीद के लिए किया जाएगा। डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने बताया कि मरीजों को समय पर जांच और इलाज मिल सके, इसके लिए अस्पतालों में डिजिटल एक्स-रे मशीनें, ईसीजी, और अल्ट्रासाउंड मशीनें खरीदी जाएंगी। इतना ही नहीं, आंखों के इलाज को बेहतर बनाने के लिए फेको मशीन भी लगाई जाएगी, जिससे छोटे चीरे के माध्यम से मोतियाबिंद का ऑपरेशन किया जा सकेगा। इससे मरीजों को अस्पताल में कम समय रुकना पड़ेगा और ऑपरेशन की सफलता दर भी काफी बढ़ेगी।
7.45 करोड़ सिर्फ ऑपरेशन और मशीनों की गुणवत्ता सुधारने में खर्च होंगे
बजट के विभाजन में विशेष ध्यान दिया गया है कि किस मशीन पर कितना खर्च होगा। फेको मशीन, डिजिटल एक्स-रे, अल्ट्रासाउंड और ईसीजी जैसी उपकरणों की खरीद के लिए लगभग 7 करोड़ 45 लाख 13 हजार 665 रुपये की मंजूरी दी गई है। शेष राशि अस्पतालों में अन्य तकनीकी और इंफ्रास्ट्रक्चर सुधारों पर खर्च की जाएगी। इन आधुनिक मशीनों के आने से जांच की गति तेज होगी और मरीजों की लंबी कतारों से भी राहत मिलेगी। स्वास्थ्य विभाग का मानना है कि इससे ग्रामीण और शहरी दोनों क्षेत्रों में चिकित्सा सेवाओं की गुणवत्ता मजबूत होगी।
आम जनता को मिलेगा लाभ
ब्रजेश पाठक के इस निर्णय से सीधे तौर पर आम जनता को लाभ मिलेगा। आधुनिक मशीनों की उपलब्धता से जांच की प्रक्रिया तेज होगी और मरीजों को निजी अस्पताल जाने की जरूरत भी कम पड़ेगी। खासकर ग्रामीण इलाकों में रहने वाले लोगों को इसका सीधा फायदा मिलेगा, जहां अक्सर तकनीकी सुविधाओं की कमी रहती है। डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक का कहना है कि सरकार का लक्ष्य है कि हर जिले में बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएं, ताकि कोई भी मरीज इलाज के अभाव में परेशान न हो। नया बजट इस दिशा में एक बड़ा कदम माना जा रहा है।
