उत्तर प्रदेश के संभल जिले में एक प्राचीन कुएं मिलने से स्थानीय लोगों में सनसनी मच गई है। यह कुआं दशकों से बंद पड़ा हुआ था और अब जिलाधिकारी के निर्देश पर इसकी खुदाई शुरू कराई गई है। विशाल पेड़ के नीचे दबा होने के कारण खुदाई में फिलहाल थोड़ी दिक्कत आ रही है। प्रशासन ने कहा है कि पेड़ हटाए जाने के बाद खुदाई और विस्तार से की जाएगी। इस कुएं की खोज से स्थानीय लोगों में जिज्ञासा बढ़ गई है और सभी जानना चाहते हैं कि इसके अंदर क्या रहस्य छिपा हो सकता है।
1978 के दंगों से जुड़ी अफवाहें
स्थानीय चर्चा है कि यह कुआं 1978 के संभल दंगों से जुड़ा हो सकता है। उस समय एक व्यापारी की हत्या के बाद उसका शव इसी कुएं में फेंके जाने की अफवाह थी। हालांकि उस समय इसकी कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं हो पाई थी। अब जब खुदाई दोबारा शुरू हुई है, तो लोगों के बीच यह घटना फिर से चर्चा में आ गई है। प्रशासन ने साफ कहा है कि इस बात की पुष्टि खुदाई के बाद ही हो सकती है और फिलहाल यह केवल एक संभावना है।
जिलाधिकारी और वन विभाग कर रहे हैं काम की निगरानी
कुआं विशाल पेड़ के नीचे दबा हुआ होने के कारण खुदाई में तकनीकी कठिनाई आ रही है। वन विभाग की टीम ने पेड़ हटाने की जिम्मेदारी ली है। इसके बाद खुदाई को और व्यवस्थित तरीके से आगे बढ़ाया जाएगा। प्रशासन का कहना है कि विस्तृत खुदाई के बाद ही कुएं के वास्तविक महत्व और इसमें छिपे रहस्यों के बारे में जानकारी मिल पाएगी। साथ ही, स्थानीय लोगों से भी अपील की गई है कि वे अफवाहों पर विश्वास न करें और खुदाई के परिणामों का इंतजार करें।
कुआं संभल के इतिहास में नया अध्याय जोड़ सकता है
स्थानीय लोग इस प्राचीन कुएं को लेकर उत्साहित हैं और उम्मीद कर रहे हैं कि इससे संभल के इतिहास के कई अज्ञात पहलू उजागर हो सकते हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि अगर कुएं के अंदर कुछ पुरानी वस्तुएं या दस्तावेज़ मिलते हैं, तो यह 1978 के दंगों सहित इलाके के सामाजिक और ऐतिहासिक घटनाक्रम को समझने में मदद कर सकता है। प्रशासन ने कहा है कि खुदाई पूरी तरह सुरक्षित तरीके से होगी और उसके परिणाम जल्द ही जनता के साथ साझा किए जाएंगे।
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