उत्तर प्रदेश के गोरखपुर जिले में 19 वर्षीय NEET छात्र दीपक की हत्या ने न केवल इलाके में सनसनी फैलाई है, बल्कि अब इस मामले ने राजनीतिक तूल भी पकड़ लिया है। घटना के बाद समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने राज्य सरकार और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को आड़े हाथों लेते हुए गहरी नाराजगी जाहिर की है। अखिलेश ने आरोप लगाया कि हत्या में शामिल पशु तस्करों को शासन और प्रशासन दोनों से संरक्षण मिला हुआ है। उन्होंने कहा कि इस तरह की घटनाएं यह दर्शाती हैं कि प्रदेश में कानून व्यवस्था की हालत बेहद खराब हो चुकी है और अपराधी खुलेआम घू्म रहे हैं।
“मुख्यनगर” में अपराध, सत्ता संरक्षण पर सीधा वार
सपा प्रमुख ने अपने आधिकारिक एक्स (पूर्व ट्विटर) अकाउंट पर लिखा कि, “गोरखपुर में शासनिक-प्रशासनिक मिलीभगत से सत्ता संरक्षित पशु तस्करों के खिलाफ जनता का जो गुस्सा फूटा है, उसकी जिम्मेदार भाजपा सरकार है।” उन्होंने यह भी कहा कि यदि पुलिस तस्करों को बचाने की कोशिश करेगी, तो यह स्पष्ट हो जाएगा कि अपराधियों को सत्ता का समर्थन प्राप्त है। अखिलेश ने बिना मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का नाम लिए लिखा कि “अगर उप्र के ‘मुख्यनगर’ में ऐसा हो रहा है तो इसका मतलब है कि इस गोरखधंधे में किसी की मुख्य साझेदारी है या उसके हाथ से ये नगर भी निकल गया है।”
“मुख्य नाकामी” करार देते हुए उठाई न्याय की मांग
प्रदेश की कानून व्यवस्था पर सवाल उठाते हुए अखिलेश यादव ने आगे कहा, “गोरखपुर में हुई हत्या केवल एक घटना नहीं है, यह सरकार की असफलता का प्रतीक है। भाजपा सरकार में आम जनता असुरक्षित महसूस कर रही है और अपराधी पूरी तरह बेखौफ हैं।” उन्होंने मांग की कि दोषियों को तत्काल गिरफ्तार कर कड़ी सजा दी जाए और यह सुनिश्चित किया जाए कि भविष्य में ऐसी घटनाएं न हों। इस पूरे मामले को लेकर सोशल मीडिया पर भी तीखी प्रतिक्रियाएं सामने आ रही हैं और जनता न्याय की मांग कर रही है।
