गाजीपुर जिले के मोहम्मदाबाद थाने में दर्ज एक गंभीर मामले में जेल में बंद सुभासपा विधायक अब्बास अंसारी के छोटे भाई उमर अंसारी को आखिरकार राहत मिल गई है। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने उमर अंसारी को जमानत दे दी है, जिससे उनके जेल से बाहर आने का रास्ता साफ हो गया है। इससे पहले 21 अगस्त को गाजीपुर की एडीजे प्रथम कोर्ट ने उनकी जमानत अर्जी को खारिज कर दिया था, जिसके बाद उमर अंसारी ने हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया था।
गाजीपुर कोर्ट से हाईकोर्ट तक का सफर
उमर अंसारी के वकील उपेंद्र उपाध्याय ने अदालत में उनकी ओर से जोरदार बहस की। उन्होंने दलील दी कि उनके मुवक्किल को बेवजह फंसाया गया है और जांच पूरी हो चुकी है, ऐसे में उन्हें जमानत पर रिहा किया जाना चाहिए। अदालत ने सभी तथ्यों पर विचार करने के बाद उमर अंसारी को जमानत पर रिहाई का आदेश दे दिया। 4 अगस्त को पुलिस ने उन्हें लखनऊ के दारूलशफा स्थित विधायक निवास से गिरफ्तार किया था।
परिवार और समर्थकों में खुशी की लहर
इलाहाबाद हाईकोर्ट के इस फैसले के बाद उमर अंसारी के परिवार और समर्थकों में खुशी की लहर दौड़ गई है। अब उनके जेल से बाहर आने की पूरी संभावना बन गई है। माना जा रहा है कि जल्द ही औपचारिकताएं पूरी होने के बाद वह रिहा हो जाएंगे। यह फैसला न सिर्फ अंसारी परिवार के लिए राहत लेकर आया है, बल्कि इस पर राजनीतिक हलकों की भी नजरें टिकी हुई थीं।
