Basti News: उत्तर प्रदेश के बस्ती जिले में लोगों से ठगी करने वाला गिरोह सक्रिय हो गया है। गिरोह में शामिल तथाकथित पत्रकार दिलीप पांडे भोली भाली महिलाओं को अपने जाल में फंसा कर निर्दोष लोगों पर गंभीर आरोप लगाकर उन्हें फसाने का काम करता है और फिर उनसे पैसे ऐंठता है। तथाकथित पत्रकार दिलीप पांडे गौर थाना क्षेत्र के ढोढरी गांव का रहने वाला है। गौर थाने में दिलीप पांडे के खिलाफ छेड़छाड़ का मुकदमा दर्ज है लेकिन अभी तक गिरफ्तारी नहीं हुई है। दिलीप पांडे पूरे गिरोह के साथ मिलकर षड्यंत्र रचते हैं और अनेक लोग चंगुल में फंसकर तबाह और बर्बाद हो रहे हैंऔर बर्बाद हो रहे हैं और उनकी सामाजिक प्रतिष्ठा से भी खिलवाड़ किया जा रहा है। इस सक्रिय गिरोह के खिलाफ कुछ पीड़ित महिलाओं ने एसपी के पास न्याय की गुहार लगाई है।
सादे कागज पर दस्तखत करवाता है गिरोह
पुरानी बस्ती थाना क्षेत्र की मदारजोत निवासिनी संगीता पत्नी दिनेश कुमार ने एसपी को पत्र सौंपते हुए कहा कि दिलीप पांडे जो खुद को पत्रकार बताते हैं उनके साथ कुछ लोग समूह के नाम पर कुछ लोगों से आधार कार्ड, फोटो तथा सादे कागज पर हस्ताक्षर कराके पूरा फाइल तैयार करके ले आते और लोगों के नाम से कोर्ट में फर्जी 156 (3) के तहत झूठे अनजान व्यक्तियों पर मुकदमा दर्ज करवाते हैं। और उन लोगों पर झूठे आरोप लगवाकर फिर उन लोगों से वसूली करते हैं। और फोन कर बार-बार धमकी देते हैं कि अगर कहीं तुम लोगों ने किसी से शिकायत की तो तुम्हारी खैर नहीं। ऐसी स्थिति में वह काफी परेशान है और भयभीत हो चुकी हैं समाज में उसकी इज्जत की धज्जियां उड़ रही हैं। महिला ने आग्रह किया कि उक्त लोगों से लिया गया आधार कार्ड, फोटो तथा सादे कागज पर हस्ताक्षर वापस दिलाने तथा उपरोक्त लोगों के विरुद्ध कानूनी कार्रवाई कराई जाए।
लोगों पर झूठे आरोप लगवाता है दिलीप पांडे
वहीं इसी क्रम में पुरानी बस्ती थाना क्षेत्र की कर्मा निवासी मिथिलेश पत्नी रामगोपाल ने भी पुलिस को प्रार्थना पत्र दिया है। इसी के साथ उन्होंने शपथ पत्र भी दिया है। उन्होंने प्रार्थना पत्र देकर न्याय की गुहार लगाई है। उन्होंने कहा कि 20 जुलाई को मैं अपने निजी काम से कचहरी गई थी वहां पर उसे गौर थाना क्षेत्र के ढोढरी निवासी दिलीप पांडे मिले और उनके साथ में दो और लोग भी थे जो अपने को पत्रकार बता रहे थे और हमसे पूछा तुम्हारा कौन सा काम है जो नहीं हो रहा है तुम हमारा एक काम कर दो हम तुम्हारा सारा काम करवा देंगे तुमको पैसा भी दिलवा देंगे। तभी दिलीप पांडे एक प्रार्थना पत्र लेकर आए और उस पर अपने हस्ताक्षर बना दिए। उसके बाद जब दिलीप पांडे ने मुझे बताया तब मैंने ऐसा करने से मना कर दिया तो वह मुझे डराने और धमकाने लगे। जबकि जो प्रार्थना पत्र दिया गया है वह गलत है एवं फर्जी है उसके साथ कोई गलत काम नहीं हुआ है।
पत्र में मिथिलेश ने कहा जो नाम लिखा गया है उन्होंने उन लोगों को कभी नहीं देखा। जितेंद्र पांडे , शशिकांत तथा नंदकिशोर यादव निर्दोष हैं। उन लोगों ने मेरे साथ कुछ भी नहीं किया है यह प्रार्थना पत्र निरस्त किया जाए उसे कोई कानूनी कार्रवाई नहीं चाहिए। वही दोनों महिलाओं ने पुलिस अधीक्षक से न्याय की गुहार लगाते हुए इन लोगों के खिलाफ कड़ी से कड़ी कार्रवाई की मांग की है।