उत्तर प्रदेश के अयोध्या से एक चौंकाने वाला वीडियो सामने आया है जिसने सभी को हैरान कर दिया है. भगवान श्रीराम की जन्मभूमि के पास, जहां हर दिन लाखों श्रद्धालु श्रद्धा से कदम रखते हैं, वहीं पर वर्दी में तैनात एक सिपाही ने अपनी ताकत का ऐसा गलत इस्तेमाल किया कि देखने वालों का दिल दहल गया. बताया जा रहा है कि यह घटना राम जन्मभूमि एग्जिट गेट के पास की है, जहां एक प्रसाद बेचने वाला व्यक्ति श्रद्धालुओं को प्रसाद दे रहा था. उसी दौरान वहां तैनात एक पुलिसकर्मी ने अचानक गुस्से में आकर उसे थप्पड़ जड़ दिया और लकड़ी के डंडे से पीटना शुरू कर दिया. इतना ही नहीं, उसने गुस्से में आकर उस गरीब का ठेला भी पलट दिया.
राहगीरों में से किसी ने यह पूरी घटना मोबाइल में रिकॉर्ड कर ली, जो अब सोशल मीडिया पर आग की तरह फैल रही है. वीडियो में साफ देखा जा सकता है कि सिपाही बिना किसी झगड़े या उकसावे के गरीब व्यक्ति पर हाथ उठा देता है, और आसपास मौजूद श्रद्धालु इस नजारे को हैरानी से देखते रह जाते हैं.
वायरल वीडियो पर लोगों का गुस्सा, सवाल – क्या यही ‘रामराज्य’ है?
जैसे ही यह वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ, लोगों का गुस्सा फूट पड़ा. यूजर्स ने न सिर्फ सिपाही की हरकत पर सवाल उठाए, बल्कि पुलिस प्रशासन की जिम्मेदारी पर भी उंगली उठाई. कई लोगों ने लिखा कि “अगर भगवान की नगरी में ही वर्दी वाले इस तरह गरीबों पर अत्याचार करेंगे, तो आम जनता कहां जाएगी?” वहीं कुछ लोगों ने इसे सीधा ‘रामराज्य’ की मर्यादा पर हमला बताया.
स्थानीय लोगों का कहना है कि प्रसाद बेचने वाला व्यक्ति कई सालों से वहीं रोजी-रोटी के लिए ठेला लगाता था. लेकिन इस बार न जाने क्यों वहां तैनात सिपाही ने उस पर गुस्सा उतार दिया. मौके पर मौजूद लोगों ने बताया कि कोई झगड़ा नहीं हुआ था — सिपाही ने बिना किसी कारण ही हाथ उठा दिया.
यूपी–
अयोध्या में राम जन्मभूमि एग्जिट गेट पर सिपाही अनूप पांडे ने प्रसाद बेचने वाले को पहले थप्पड़, फिर डंडे मारे, फिर प्रसाद का ठेला ही पलट दिया !! pic.twitter.com/DAu8G8BYF8— Sachin Gupta (@SachinGuptaUP) October 24, 2025
पुलिस प्रशासन हरकत में, जांच के आदेश जारी
वीडियो के वायरल होने के बाद अयोध्या पुलिस प्रशासन हरकत में आया है. सूत्रों के मुताबिक, संबंधित सिपाही की पहचान कर ली गई है और उसके खिलाफ विभागीय जांच शुरू कर दी गई है. अयोध्या एसपी ने मीडिया से बातचीत में कहा कि “इस तरह का व्यवहार अस्वीकार्य है. अगर जांच में आरोप सही पाए गए तो संबंधित सिपाही पर सख्त कार्रवाई की जाएगी.”
वहीं, प्रसाद बेचने वाले व्यक्ति का कहना है कि उसे सिर्फ अपनी रोजी कमानी थी, लेकिन जिस जगह पर भगवान का नाम लेकर लोग शांति और भक्ति ढूंढने आते हैं, वहीं उसे अपमान और दर्द मिला. इस घटना ने एक बड़ा सवाल खड़ा कर दिया है — क्या राम की नगरी में अब भी वर्दी के नाम पर डर का राज चल रहा है?
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