जेट एयरवेज के चेयरमैन नरेश गोयल ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है. और कंपनी ने भी चेयरमैन के इस्तीफे की जानकारी औपचारिक तौर पर दे दी है. ये खबर जेट एयरवेज के बोर्ड की बैठक से निकल कर आई. और खबरें ऐसी भी सामने आ रही हैं कि बोर्ड से अनीता गोयल ने भी इस्तीफा दे दिया है. इसके साथ ही लेनदारों के रेजॉल्यूशन प्लान को भी बोर्ड की तरफ से हामी भर दी गई है.
अब जेट एयरवेज के लेंडर्स के लोन को 11.4 करोड़ को इक्विटी शेयरों में बदला जाएगा. कंपनी के डेली ऑपरेशन की निगरानी करने के लिए अतंरिम मैनेजमेंट कमेटी गठित की गई है. जो कर्जदार कंपनी के शेयरों को निवेशकों को बेचने की प्रक्रिया शुरू करेगी.
आपको बता दें, जेट एयरवेज कंपनी पर इस समय 8 हजार करोड़ रुपये का कर्ज है. जो कुल 26 बैंकों का है. इन बैंकों में कुछ प्राइवेट हैं तो कुछ बैंक विदेश के शामिल हैं. केनरा बैंक, बैंक ऑफ इंडिया, सिंडिकेट बैंक, इंडियन ओवरसीज बैंक और इलाहाबाद बैंक शामिल है. और इसमें अब पीएनबी और एसबीआई का नाम भी जुड़ जाएगा. जेट पर 8 हजार करोड़ का कर्ज होने पर जेट के पायलट्स ने 31 मार्च तक का अल्टीमेटम दिया है. जिसमें उन्होंने कहा है कि अगर कंपनी उन्हें उनका बकाया पैसा नहीं देती है तो वो फ्लाइट नहीं उड़ाएंगे. ये भी पढ़ेंः- देश के 25 करोड़ लोगों से राहुल गांधी का वादा मै दिलाऊंगा 3 लाख 60 हजार करोड़ का न्यायृ
आपको बता दें, जेट के चेयरमैन ने इस कंपनी की शुरुआत 1974 में की थी. हालांकि नरेश गोयल की स्थिति उस वक्त भी इतनी अच्छी नहीं थी कि वो अपनी ट्रैवल एजेंसी शुरू कर सके. तब उन्होंने साल 1967 में अपनी मां के एक चाचा की एजेंसी में कैशियर के रूप में काम करना शुरू किया था. और तब उन्हें 300 रुपए सैलरी मिलती थी. इसके बाद उन्होंने खुद की ट्रैवल एजेंसी शुरू की जिसका नाम उन्होंने जेट एयरवेज रखा.