लद्दाख सीमा पर चीन और भारत के बीच तनाव बढ़ता जा रहा है। 15 जून को गलवान घाटी में भारत और चीन के सैनिकों के बीच झड़प हुई। जिससे ये तनाव और ज्यादा बढ़ गया। अब देशभर में चीन का विरोध हो रहा है। तो वहीं सरकार भी चीन को करारा जवाब देने के लिए सख्त कदम उठा रही है। सोमवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार ने 59 चीनी ऐप्स पर बैन लगा दिया है। इस दौरान सरकार ने आरोप लगाया कि इन ऐप्स से भारतीय लोगों का डाटा चोरी हो रहा है। जो निजता की सुरक्षा का मामला है लेकिन अब टेलीकॉम कंपनियां भी चीन पर एक्शन लेने की तैयारियां कर रही है। जिसके लिए कंपनियां सिर्फ सरकार के आदेश का इंतजार कर रही है।
दरअसल चीनी ऐप्स पर रोक के बाद अब टेलीकॉम कंपनियों ने भी इन पर कार्रवाई की तैयारी कर ली है। इसके तहत कंपनियां उसी तरह काम करेगी। जैसे किसी वेबसाइट को रोकने के लिए काम किया जाता है। इसके लिए टेलीकॉम कंपनियां इनके लिंक और इससे जुड़े डेटा को रोक देगी। टेलीकॉम कंपनियों का कहना है कि उनके पास किसी भी ऐप को रोकने की टेक्नोलॉजी उपलब्ध है। बस उस ऐप के आईपी पर रोक लगानी होती है। इसके बाद वो ऐप काम करना बंद कर देती है लेकिन अब तक टेलीकॉम कंपनियों को सरकार की तरफ से इस काम की इजाजत नहीं मिली है। जिस वजह से कंपनियां सरकार की इजाजत का इंतजार कर रहे है।
Telecom Companies says have Technology to block these 59 Chinese apps access over their network. Will start the process soon. @CNBC_Awaaz #tiktokbanindia #TikTok
— Aseem Manchanda (@aseemmanchanda) June 30, 2020
बता दें कि देशभर में चीन के सामान का बॉयकॉट हो रहा है। इसी वजह से चीनी ऐप्स का भी जमकर विरोध हो रहा था। जिस वजह से सोशल मीडिया पर boycott chinese app ट्रेंड पर चल रहा था। इस दौरान सरकार से चीनी ऐप्स के खिलाफ शिकायत भी की गई। शिकायतों मे कहा गया था कि एंड्रायड और आईओएस प्लेटफॉर्म पर मौजूद कुछ चीनी मोबाइल ऐप्स का गलत इस्तेमाल किया जा रहा है। ये ऐप्स गुपचुप और अवैध तरीके से यूजर का डेटा चोरी कर भारत के बाहर मौजूद सर्वर पर भेज रहे थे। जिसके बाद ही सोमवार को भारत सरकार ने चीन की 59 ऐप्स को बैन किया था। सरकार ने ये फैसला इन्फर्मेशन टेक्नोलॉजी एक्ट के सेक्शन 69ए के तहत लिया था।
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