टेस्ट क्रिकेट में चेतेश्वर पुजारा के खराब प्रदर्शन के कारण उनको हर जगह आलोचना का सामना करना पड़ रहा है. केवल इतना ही नहीं चेतेश्वर पुजारा को टेस्ट टीम से बाहर करने की मांग भी उठाई जा रही है. बीते दो सालों से पुजारा कोई शतक नहीं लगाए पाए हैं और उन्होंने इस दौरान 30 से कम की औसत से रन बनाए हैं.
क्या पुजारा को घटिया प्रदर्शन के बाद भी मिलता रहेगा चांस?
86 मैचों में पुजारा ने 6267 रन बनाए हैं, लेकिन अधिकतर वो आवश्यकता से अधिक रक्षात्मक रवैया अपनाने के आरोप लगते ही रहे हैं. उनके साथ बल्लेबाजी करने वाले खिलाड़ियों पर दबाव भी काफी बढ़ जाता है. इस बारे में कोहली का कहना है कि खेल में सुधार लाने की सारी जिम्मेदारी स्वयं खिलाड़ी की ही होती है. चेतेश्वर पुजारा के आलोचकों को उन्हें खुद ही उसके बारे में सोचने के लिए छोड़ देना चाहिए.
घटिया प्रदर्शन के कारण पुजारा की हो रही बुराई
जब लोगों ने कोहली से पुजारा के बारे में सवाल करते हुए कहा कि, ‘इस बारे में पिछले कुछ समय से बात हो रही है और मैं ईमानदारी से महसूस करता हूं कि इस तरह के प्रतिभा और अनुभव वाले खिलाड़ी को खेल की कमियां निकालने के लिए अकेला छोड़ दिया जाना चाहिए.’
पुजारा को लेकर कोहली ने दिया ये बयान
कप्तान विराट कोहली ने इस बारे में कहा कि इस लेवल पर खिलाड़ियों को अपनी अपनी जिम्मेदारियों के बारे में पता होता है और बिना वजह गैर जरूरी आलोचना से उनको परेशानी नहीं होती, कम से कम पुजारा को तो नहीं. उन्होंने ये भी कहा कि, ‘इसी तरह मेरे या इस टीम के किसी अन्य खिलाड़ी के साथ, हम उन चीजों के बारे में बहुत जागरूक हैं, जिसे हमें टीम के लिए करने की जरूरत है. मैं बाहर से कह सकता हूं कि आलोचना अनावश्यक है, लेकिन मैं इस तथ्य को जानता हूं कि पुजारा को इसकी परवाह नहीं है और ऐसी आलोचना उतनी ही प्रासंगिक है जितनी आप चाहते हैं.’
अभी तक कोहली ने पहले टेस्ट के लिए आखिरी 11 खिलाडियो के बारे में कुछ बताया नही हैं. ना ही ये बताया है कि इस टीम में सलामी बल्लेबाजी लोकेश राहुल की जगह मिलेगी या हनुमा विहारी खेलेंगे. उन्होंने यह तो जरूर कहा कि शार्दुल ठाकुर के पास सभी प्रारूपों में ऑलराउंडर बनने की क्षमता है.
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