टोक्यो /दिल्ली। भारतीय बॉक्सर लवलीना बोरगोहेन ने शानदार प्रदर्शन करते हुए कांस्य पदक देश के नाम किया है। बुधवार को 69 किलोग्राम भार वर्ग के सेमीफाइनल में लवलीना को तुर्की की वर्ल्ड नंबर-1 मुक्केबाज बुसेनाज सुरमेनेली ने 5-0 से शिकस्त दी। इस हार के साथ ही लवलीना बोरगोहेन ओलंपिक मुक्केबाजी इवेंट में पदक जीतने वाली तीसरी भारतीय बॉक्सर बन गई हैं। इससे पहले विजेंदर सिंह और एमसीसी मैरीकॉम ने यह उपलब्धि हासिल की है। सबसे पहले विजेंदर सिंह ने बीजिंग ओलंपिक (2008) के मिडिलवेट कैटेगरी में कांस्य पदक जीता था। 2012 के लंदन ओलंपिक में एमसी मैरीकॉम ने फ्लाइवेट कैटेगरी में ब्रॉन्ज मेडल हासिल किया था।
ओलंपिक मुक्केबाजी में भारत के पदक
विजेंदर सिंह
कांस्य पदक बीजिंग ओलंपिक (2008)
एमसी मैरीकॉम
कांस्य पदक लंदन ओलंपिक (2012)
लवलीना बोरगोहेन
कांस्य पदक टोक्यो ओलंपिक (2020)
ज्ञात हो कि ओलम्पिक के 13वंे दिन यह भारत का तीसरा पदक है। इससे पहले भारोत्तोलन में मीराबाई चानू ने रजत जबकि बैडमिंटन में पीवी सिंधु ने कांस्य पदक जीता। लवलीना का पदक पिछले 9 वर्षों में भारत का ओलंपिक मुक्केबाजी में पहला पदक है। यह उनकी अब तक बेहतरीन मुकाबला है।
ऐसा रहा मुकाबला
पहले राउंड में लवलीना ने आक्रामक होकर खेलने की कोशिश की लेकिन तुर्की मुक्केबाज हमेषा भारी पड़ी। इस दौरान लवलीना ने कुछ बेहतरीन लेफ्ट और राइट अपर कट लगाये। सुरमेनेली ने भी कुछ बेहतरीन पंच लगाये। पहले रांउड में पांचों जजों ने विपक्षी मुक्केबाज को बेहतर माना। दूसरे और तीसरे राउंड में भी तुर्की की मुक्केबाज और आक्रामक हो गयी। आक्रामक होकर खेलने की कोशिश में लवलीना को दूसरे राउंड में चेतावनी के तौर पर एक अंक भी गंवाना पड़ा। दूसरे और तीसरे राउंड में भी पांचों जजों ने बुसेनाज सुरमेनेली को बेहतर मुक्केबाज माना।
मैच में लवलीना को पहले और दूसरे जज ने 26-26, जबकि बाकी के तीन जजों ने 25-25 अंक दिये। बुसेनाज सुरमेनेली को पांचों जजों ने 30-30 अंक दिये। असम की 23 साल की मुक्केबाज लवलीना बोरगोहोन की बुसेनाज सुरमेनेली के खिलाफ यह पहली भिड़ंत थी। लवलीना और तुर्की की मुक्केबाज ने 2019 के चैम्पियनशिप में भाग लिया था। उस चैम्पियनशिप में बुसेनाज सुरमेनेली ने स्वर्ण और लवलीना ने कांस्य पदक अपने नाम किया था। ज्ञात हो कि इन दोनों खिलाड़ियों के बीच मुकाबला नहीं हुआ था।
ऐसा रहा ओलम्पिक का सफर
पहली बार ओलंपिक में हिस्सा ले रहीं भारतीय मुक्केबाज लवलीना बोरगोहेन ने (69 किग्रा) ने अपने ओलंपिक अभियान का शानदार आगाज किया था। 27 जुलाई को अपने पहले मुकाबले में लवलीना ने जर्मनी की अनुभवी नेदिन एपेट्ज को कड़े मुकाबले में 3-2 से हराकर क्वार्टर फाइनल में जगह बनाई थी। शुक्रवार को क्वार्टर फाइनल में उन्होंने चीनी ताइपे की निएन चिन चेन को 4-1 से शिकस्त दी थी। इस मुकाबले के साथ ही लवलीना ने भारत के लिए पदक जीतना सुनिश्चित कर लिया था। लवलीना ने मार्च 2020 में आयोजित एशिया, ओसनिया ओलंपिक क्वालिफायर के सेमीफाइनल में पहुंचकर टोक्यो के लिए क्वालिफाई किया था। लवलीना ने क्वार्टर फाइनल में उज्बेकिस्तान की मफतुनाखोन मेलिएवा को 5-0 से हराकर यह उपलब्धि हासिल की। हालांकि इस टूर्नामेंट के सेमीफाइनल में लवलीना चीनी मुक्केबाज होंग गु से हार गई थीं। उन्हें कांस्य पदक से ही संतोष करना पड़ा।
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