Friday, June 2, 2023

रवि के रजत से देश में जश्न, पीएम मोदी ने दी बधाई, ऐसी रही उपलब्धि

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टोक्यो/ दिल्ली। टोक्यो ओलंपिक 2020 में भारतीय पहलवान रवि कुमार दहिया फाइनल के कड़े मुकाबले में रूस के पहलवान जावुर युगुऐव से हार गए हैं। इस हार के साथ ही रवि दहिया को सिल्वर मेडल अपने नाम कर लिया। रवि कुश्ती में भारत के लिए व्यक्तिगत सिल्वर मेडल जीतने वाले दूसरे भारतीय पहलवान बन गए हैं। गुरुवार को 57 किलो फ्रीस्टाइल वर्ग के फाइनल में रवि दहिया को दूसरी वरीय रूस ओलंपिक समिति के पहलवान जावुर युगुऐव ने 7-4 से मात दी। ज्ञात हो कि ओलंपिक में सिर्फ अभिनव बिंद्रा ही व्यक्तिगत स्पर्धा में अबतक भारत के लिए गोल्ड जीत पाए हैं। अभिनव बिंद्रा ने बीजिंग ओलंपिक (2008) के 10 मीटर एयर राइफल स्पर्धा में यह सुनहरी उपलब्धि हासिल की थी।
टोक्यो खेलों में रवि दहिया की ओर भारत का यह पांचवां पदक है। इससे पहले गुरुवार को भारतीय पुरुष हॉकी टीम ने कांस्य पदक जीता था। भारोत्तोलन में मीराबाई चनू ने रजत, बैडमिंटन में पीवी सिंधु ने कांस्य पदक जीता। साथ ही बॉक्सर लवलीना बोरगोहेन ने कांस्य हासिल किया।

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पीएम ने दी बधाई
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रवि दहिया को ट्वीट कर बधाई दी है। उन्होंने लिखा- रवि कुमार दहिया एक उल्लेखनीय पहलवान हैं। उनकी फाइटिंग स्पिरिट और दृढ़ता उत्कृष्ट है। ओलम्पिक 2020 में रजत पदक जीतने के लिए उन्हें बधाई. भारत को उनकी उपलब्धियों पर बहुत गर्व है।

ज्ञात हो कि रवि कुमार दहिया ओलंपिक में पदक जीतने वाले ओवरऑल पांचवें भारतीय पहलवान हैं। सबसे पहले पहलवान केडी जाधव ने हेलसिंकी ओलंपिक (1952) में भारत के लिए कांस्य पदक जीता था। पहलवान सुशील कुमार ने भारत के लिए बीजिंग ओलंपिक (2008) में कांस्य और लंदन ओलंपिक (2012) में रजत पदक अपने नाम किया था। योगेश्वर दत्त भी लंदन ओलंपिक में कांस्य और साक्षी मलिक ने 2016 के रियो ओलंपिक में ब्रॉन्ज मेडल जीता था।

ऐसा रहा फाइनल मुकाबला
फाइनल मुकाबले में जावुर युगुऐव ने रवि को मैट के बाहर धकेलकर पहला प्वाइंट हासिल किया। रूसी पहलवान ने एक और प्वाइंट लेकर स्कोर 0-2 कर दिया। रवि दहिया ने फिर विपक्षी खिलाड़ी को टेकडाउन करते हुए स्कोर 2-2 कर दिया। ब्रेक से पहले जावुर युगुऐव ने रवि दहिया को टेकडाउन कर स्कोर 2-4 कर दिया। ब्रेक के बाद जागुर युगुऐव ने तीन प्वाइंट हासिल कर स्कोर को 2-7 कर दिया जो बड़ी बढ़त थी। भारतीय पहलवान ने टेकडाउन के दो अंक लेकर स्कोर को 4-7 कर दिया। रवि कुमार दहिया को अब भी बराबरी करने के लिए 3 अंकों की जरूरत थी। रूसी पहलवान की डिफेंस काफी मजबूत थी और उन्होंने भारतीय पहलवान को वापसी का मौका नहीं दिया।

ऐसा था टोक्यो का सफर
23 साल के रवि कुमार दहिया ने टोक्यो में अपने अभियान की शानदार शुरुआत करते हुए पहले मैच में कोलंबिया के पहलवान ऑस्कर टिगरेरोस उरबानो को 13-2 से हराया था। क्वार्टर फाइनल में बुल्गारिया के जॉर्डी वैंगेलोव को 14-4 से मात दिया था। रवि ने सेमीफाइनल में कजाकिस्तान के नूरीस्लाम सनायेव को विक्ट्री बाई फॉल के जरिए पटखनी देकर सिल्वर मेडल पक्का कर लिया था।

ओवरऑल ओलंपिक कुश्ती में भारत के पदक

1. केडी जाधव
कांस्य पदक, हेलसिंकी ओलंपिक (1952)
2. सुशील कुमार
कांस्य पदक, बीजिंग ओलंपिक (2008)
रजत पदक: लंदन ओलंपिक (2012)
3. योगेश्वर दत्त
रेपचेज में चला हरियाणा के पहलवान का दांव
कांस्य पदक: लंदन ओलंपिक (2012)
4. साक्षी मलिक
कांस्य पदक: रियो ओलंपिक (2016)
5. रवि दहिया
रजत पदक: टोक्यो ओलंपिक (2020

ऐसा था रवि दहिया के रजत का सफर
रवि दहिया के लिए दिल्ली के छत्रसाल स्टेडियम से ओलंपिक तक का सफर बहुत कठिन था। रवि दहिया की सफलता के पीछे उनके पिता की बहुत मेहनत है। रवि दहिया का जन्म 1997 में हरियाणा के सोनीपत जिले के नहरी गांव में हुआ था। उनके पिता एक भूमिहीन किसान थे जो बटाई की जमीन पर खेती किया करते थे। 10 साल की उम्र से ही रवि ने दिल्ली के छत्रसाल स्टेडियम में प्रषिक्षण लेना शुरू किया था। उन्होंने 1982 के एशियन गेम्स में गोल्ड जीतने वाले सतपाल सिंह से ट्रेनिंग ली है। रवि दहिया के पिता राकेश चाहते थे कि बेटा पहलवान बने। उन्होंने आर्थिक तंगी के बावजूद बेटे की ट्रेनिंग में कोई कमी नहीं आने दी। पिता राकेश प्रतिदिन अपने गांव से छत्रसाल स्टेडियम तक की 40 किलोमीटर की दूरी तय कर रवि तक दूध और फल पहुंचाते थे।
रवि के पिता इतना अधिक मेहनत करते थे कि वह रवि का 2019 में वर्ल्ड चैम्पियनशिप का मैच भी नहीं देख पाए थे। तब रवि ने कांस्य पदक जीता था।

चोट पर भी भारी पड़े रवि
रवि का सबसे पहला कमाल 2015 जूनियर वर्ल्ड रेसलिंग चैम्पियनशिप में देखने को मिला। तब उन्होंने 55 किलो कैटेगरी में सिल्वर मेडल जीता था। सेमीफाइनल में उन्हें चोट लग गई थी। फिर 2017 के सीनियर नेशनल्स में चोट ने उन्हें फिर परेशान किया। इस कारण उन्हें कुछ समय मैट से दूर रहना पड़ा। रवि को पूरी तरह से ठीक होने में करीब एक साल लग गया था। रवि ने बुखारेस्ट में 2018 वर्ल्ड अंडर 23 रेसलिंग चैम्पियनशिप में 57 किलो कैटेगरी में सिल्वर पर कब्जा जमाया। उन्होंने 2019 के वर्ल्ड चैम्पियनशिप के सिलेक्शन ट्रायल में सीनियर रेसलर उत्कर्ष काले और ओलंपियन संदीप तोमर को हराया जो बड़ी उपलब्धि थी। 2020 भी रवि के लिए अच्छा रहा। कोरोना से पहले मार्च में दिल्ली में हुई एशियन रेसलिंग चैम्पियनशिप में उन्होंने गोल्ड जीता था।

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