हिन्दू मान्यता के मुताबिक मार्गशीर्ष (अगहन) मास के चतुर्थी तिथि को संकष्टी चतुर्थी है। इसे गणाधिप संकष्टी चतुर्थी (Ganadhip Sankashti Chaturthi 2020) भी कहा जाता है। इस बार यह कल यानी 3 दिसंबर 2020 को संकष्टी चतुर्थी का पर्व है। ऐसा माना जाता है कि संकष्टी चतुर्थी व्रत रखने से सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं। इस दिन व्रत रखकर भगवान गणेश जी की पूजा की जाती है। इस व्रत से भगवान गणेश प्रसन्न होते हैं और व्रतधारी की सभी मनोकामनाएं पूरी करते हैं।
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पूजा विधि:
इस दिन सुबह सूर्योदय से पहले उठकर स्नान आदि करके कपड़े पहनने चाहिए। फिर एक चौकी पर साफ़ पीला कपड़ा बिछाकर उस पर गणेश भगवान की मूर्ति रखें। उसके बाद गंगा जल छिड़ककर पूरे स्थान के साथ साथ खुद को भी पवित्र हो लें। गणेश भगवान के सामने दीप जलाएं और धूप आदि जलाकर रख दें। पीले-फूल की माला गणेश जी को अर्पित करें। उसके बाद गणेश भगवान को दूर्वा अर्पित करें। उसके बाद गणेश चालीसा, गणेश स्तुति का पाठ करें। गणेश भगवान का जाप भी करें। उसके बाद गणेश भगवान की आरती करें और उनको बेसन के लड्डू का भोग लगाएं। उसके बाद भगवन गणेश जी को प्रणाम करें। उसके बाद परिवार के लिए गणेश जी से मंगलकामना करें। फिर शाम को अर्घ्य देने के साथ व्रत को सम्पूर्ण करें।
संकष्टी चतुर्थी पूजा का शुभ मुहूर्त:
सर्वार्थ सिद्धि योग – दोपहर 12 बजकर 22 मिनट से लेकर 04 दिसंबर को सुबह 6 बजकर 59 मिनट तक
चन्द्रोदय का समय – शाम 7 बजकर 51 मिनट
संध्या पूजा – शाम 5 बजकर 24 मिनट से शाम 6 बजकर 45 मिनट तक
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