Thursday, June 1, 2023

Chaitra Navratri Ashtami 2023: दुर्गा अष्टमी पर करें कुछ खास उपाय, संकट से मिलती हैं मुक्ति

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Chaitra Navratri Ashtami 2023: चैत्र नवरात्रि का हिंदू धर्म में बहुत ही विशेष महत्व होता है. साल भर में 4 बार मां दुर्गा के नवरात्र आते हैं. इनमें चैत्र नवरात्रि अभी चल रही है. 22 मार्च से नवरात्रि शुरू हो चुकी है. ऐसे में इनका समापन अष्टमी और नवमी तिथि के दिन किया जाता है. नवरात्रि की मां अष्टमी का ऐसे में बहुत ही विशेष महत्व होता है. इस दिन मां दुर्गा के आठवें स्वरूप मां गौरी की पूजा होती है.

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ज्योतिश शास्त्र के अनुसार इसे बहुत ही शुभ बताया गया है. अक्सर लोग इस दिन व्रत का पारण करते हैं. हिंदू पंचांग के अनुसार महा अष्टमी 29 मार्च 2023 के दिन अष्टमी पूजन किया जाएगा. इस दिन कुछ उपाय व्यक्ति को संकटों से बचा लेते हैं और उनके दुख दूर करने में सहायता करते हैं.

दुर्गा अष्टमी पर करें काम

हवन

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार नवरात्रि के व्रत का पारण लोग अपने हिसाब से सप्तमी, अष्टमी और नवमी के दिन करते हैं. इस दिन पारण करने पर लोग हवन भी करते हैं. अष्टमी के दिन हवन करना बहुत शुभ होता है. घर में संकट का नाश होता है.

कन्या पूजन

जब व्रत का समापन होता है तब उद्यापन किया जाता है और कन्या भोज कराया जाता है. 9 कन्याओं को भोजन कराने के बाद छोटी-छोटी कन्याओं को दक्षिणा देकर लाल रंग के गिफ्ट कागज में लपेट कर देने से लाभ प्राप्त होता है.

संधि पूजा आवश्यक

ज्योतिष शास्त्र के हिसाब से अष्टमी तिथि के दिन मां भगवती की प्रातः आरती, दोपहर आरती, संध्या आरती और संधि आरती करनी चाहिए. संधि आरती, अष्टमी तिथि के समापन और नवमी तिथि के प्रारंभ से की जाती है.

लाल चुनरियां

इस दिन मां को लाल रंग की चुनरी अर्पित करें. ऐसे में यदि चाहे तो लाल रंग की चुनरी में पूजा के समय पांच प्रकार के सूखे मेवे, लाल रंग की चुनरी में रखकर मां को अर्पित कर सकते हैं.

लाल झंडा

मां अष्टमी के दिन मंदिर में लाल रंग का ध्वज अर्पित करें. यदि आप चाहें तो गुंबद पर भी लगा सकते हैं.

लगाएं भोग

महाअष्टमी के दिन माता के मंदिर में जाएं लाल चुनरी में मखाने, बताशे के साथ सिक्के मिलाकर देवी को अर्पित करें. मां को मालपुआं और खीर का भोग लगाएं.

शनि से मुक्ति का रास्ता

मान्यता है की अष्टमी और नवमी तिथि पर शनि का भी प्रभाव रहता है. इस दिन मां भगवती की आराधना करने से शनि के प्रभाव कम होते हैं और मां रक्षा करती है.

इस दिन सुहागिन महिलाएं स्त्रियों को सुहाग का सामान दान करना चाहिए. स्त्री को चांदी की बिछिया कुमकुम से भरी ड्रेस चांदी की डिबिया, पायल, अंबे माता का चांदी का सिक्का अन्य श्रृंगार की सामग्री भेंट करने से भी लाभ प्राप्त होता है.

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. upvartanews इसकी पुष्टि नहीं करता है.)

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