लोकसभा चुनाव नजदीक है. लिहाजा सूबे के नेता व मंत्री चुनाव में अपनी जीत सुनिश्चित कराने के लिए अत्ति आत्मविश्वास के सैलाब में, इस कदर सराबोर हो चुकें हैं कि उन्हें होश ही नहीं रहता है कि उन्होंने क्या कह दिया. कुछ ऐसी ही कुछ गलती देश के सबसे बड़े सूबे के मुखिया योगी आदित्यनाथ ने की है. उन्होंने भारतीय सैना को मोदी की सेना कह कर सियासी गलियारों खलबली मचा दी है. लिहाजा, अब चुनाव आयोग ने जिले के अधिकारी व निर्वाचन अधिकारी से उस भाषण की ऑडियो-वीडियो रिकॉर्डिंग मांग ली है. इसी बीच, चुनाव आयोग ने डीएम को निर्देश जारी कर कहा कि सुबह 10 बजे तक योगी आदित्यनाथ के ऑडियो-वीडियो जमा कराए जाएं.
गौरतलब है कि रविवार को गाजियाबाद में हुई चुनावी जनसभा को संबोधित करते हुए योगी आदित्यनाथ ने बार-बार ‘मोदी की सेना-मोदी की सेना’ का जिक्र किया था. इसके साथ ही उन्होंने कांग्रेस व बीजेपी के बीच अंतर को स्पष्ट करते हुए कहा था कि कांग्रेस पाकिस्तान को बिरयानी खिलाती है, लेकिन हमारी सरकार उन्हें गोली व गोला खिलाते हैं. यही फर्क है कांग्रेस व बीजेपी में.
इसके अतिरिक्त उन्होंने, मसूद अजहर का जिक्र करते हुए कहा था कि कांग्रेस मसूद अजहर जैसे खूंखार आतंकियों को संबोधित करने के लिए ‘जी’ शब्द का इस्तेमाल करती है, लेकिन हमारी इन आतंकियों को समूल नष्ट करने में विश्वास करती है.
योगी ने वहां मौजूद लोगों से कहा, ‘ अब ये आपको तय करना है कि आपको कैसी सरकार चहिए. आपको पाकिस्तान का हीरो चहिए या फिर हिन्दुस्तान की रक्षा करने के बाबत अपने प्राणों की आहूती देने वाले वीर सपूत व सैनिक.
इस कड़ी में कांग्रेस सहित अन्य विपक्षी दलों ने योगी आदित्यनाथ के उस प्रतिक्रिया पर आपत्ति दर्ज कराई, जिसमें योगी जी ने कई मर्तबा ‘मोदी जी की सेना’ का इस्तेमाल किया है. वहीं, इसी क्रम में कांग्रेस की नेता प्रियंका चतुर्वेदी ने कहा था कि भारतीय सेना मोदी जी कें कोई प्राइवेट मंत्री नहीं है. वे हिन्दुस्तान की सेना है, जो समग्र देश के विकास के लिए काम करती है.