उत्तर प्रदेश में अब बीजेपी रूठो को मनाने की कवायद में लग गई है। हाल में चुनाव से महज कुछ समय पहले अपना दल और सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी बीजेपी से कटे- कटे नजर आने लगे। जिसके बारे में दोनो पार्टियों के नेताओं ने कई जगह पर कहा भी है। जिसके बाद अब उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग में दोनो पार्टियों के नेताओं को शामिल करने का फैसला किया है। ताकि अनुप्रिया पटेल और ओम प्रकाश राजभर को शांत किया जा सके। जिसके लिए विभाग में चार लोगों की छुट्टी भी कर दी गई है।
दरअसल आयोग बनाने के लिए राज्य में 13 फरवरी को ही पिछड़ा वर्ग आयोग के 24 सदस्यों को नामित करने का फैसला किया था। जिसमें अभी तक सिर्फ बलराम मौर्य ने ही कार्यभार ग्रहण किया है। वही बाकि बचे 23 सदस्यों ने अभी तक कार्यभार ग्रहण नहीं किया।
वही आपको बता दे कि सीएम योगी ने आयोग में जिन चार लोगों की छुट्टी की है। उसमें राकेश कुशवाहा, देवरिया के चौधरी लक्ष्मण सिंह, गोरखपुर के चिरंजीव चौरसिया और आजमगढ़ के रामसूरत राजभर का नामाकंन निरस्त कर दिया है। जिसके बाद अब मुख्य सचिव महेश कुमार ने कहा कि बाकि बचे 20 सदस्य अब पद पर मौजूद है।
वही अब इन चार सदस्यों की जगह योगी सरकार उन लोगों को विभाग में लाएगी। जिसका सुझाव योगी सरकार को अनुप्रिया पटेल और ओमप्रकाश राजभर ने दिया था। सूत्रों की मानें तो इस विभाग मे सीएम ओम प्रकाश राजभर को भी नियुक्त कर सकते है। क्योंकि हाल ही में ओमप्रकाश राजभर ने पिछड़ा वर्ग कल्या विभाग का चार्ज वापस देने का प्रस्ताव सीएम को पेश किया था। जिसे मंजूरी नही दी गई थी। जिसके बाद राजभर ने बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह से मुलाकात की।