हर रिश्ते की बुनियाद भरोसा होता है। दांपत्य जीवन में भी यही लागू होता है। जहां दो लोग एक साथ पूरी जिंदगी विश्वास के साथ बिताते है। दांपत्य जीवन में खुशी का एकमात्र मंत्र भी विश्वास ही है। अगर इस भरोसे में कमी आ जाए तो समझ लिजिए कि वो रिश्ता कमजोर हो रहा है। ऐसा ही एक मामला हरियाणा के हिसार से सामने आया है। यहां एक दंपत्ति के बीच सब कुछ ठीक था लेकिन घर में नन्हे मेहमान के आने के साथ ही भरोसा खत्म हो गया।
जिला संरक्षण अधिकारी के पास आए इस मामले में शक की वजह से एक दंपत्ति तलाक ले रहे थे। दरअसल पति ने बच्चा होने के बाद पत्नी के चरित्र पर अंगुली उठाते हुए बच्चा अपना होने से इंकार कर दिया। पति के मुताबिक बच्चे का चेहरा उससे नहीं मिलता है। अपने पर लगे इतने बड़े आरोप लगने से महिला बुरी तरह हिल गई। दोनों के बीच विवाद इतना बढ़ा कि मामला तलाक तक पहुंच गया। फैमिली कोर्ट में केस दायर हुआ। इस दौरान जज ने दोनों की काउंसलिंग करके बच्चे और पेरेंट्स का डीएनए टेस्ट करवाने के आदेश दिए।
जज के आदेश के बाद हुए डीएनए टेस्ट का गया। जिसकी रिपोर्ट सामने आने पर पति चौक गया। रिपोर्ट के मुताबिक बच्चा उसका ही था। कोर्ट के हस्तक्षेप की वजह से एक टूटता रिश्ता और बिखरता परिवार वापस जुड़ गया। पति ने अपनी गलती स्वीकार करते हुए पत्नि को तलाक देने से इंकार कर दिया। ये भी पढ़े:संजय सिंह का विवादित बयान, ‘पीएम मोदी की जांच कराओ, कहीं गांजा तो नहीं पीते’