उत्तर प्रदेश के लखनऊ में राज्य विधिक अधिकारी पर दिन दहाड़े हमले से इलाके में सनसनी फेल गई। राज्य विधिक अधिकारी रंजना श्रीवास्तव पर हमलावलों ने चाकू से एक के बाद एक कई वार किए। जिससे रंजना श्रीवास्तव गंभीर रूप से घायल गई। जिसके चलते अब पुलिस में पूरे की रिपोर्ट दर्ज करवाई गई है। वही पुलिस भी आरोपियों को ढूंढने में लगी है।
बता दें कि मामला लखनऊ के कैसरबाग के ख्यालीगंज का है। रंजना श्रीवास्तव के मुताबिक देर शाम जब वह घर में थी। तब आठ बजे किसी ने घर की बेल बजाई। इस दौरान जब सीढ़ियों से नीचे देखा तो सामने अधिवक्ता पाल सिंह यादव, पंकज तिवारी, प्रथमा सिंह, अनिमेष मिश्रा, उत्तम वर्मा, रामकुमार सिंह और अभिषेक बाजपेई खड़े थे। इसके आगे रंजना ने बताया कि उसे देखते ही पाल सिंह ने गाली गलौच करना शुरू कर दिया। जिसका विरोध करने पर सभी ने उसके साथ मारपीट की। इस दौरान पाल सिंह यादव ने चाकू निकालकर उन पर हमला कर दिया। खून से लथपथ रंजना चीखीं तो परिवारीजन व आसपास के लोग दौड़े।
वही रंजना का पति रत्नाकर राव का कहना है कि उन्होंने फर्जी वकील के खिलाफ याचिका दायर की थी। जिसके बाद रजिस्ट्रार ने वजीरगंज कोतवाली मे प्राथमिकी दर्ज कराई थी। वही फर्जी वकील उन पर दबाव बना रहे है। जिनकी बात न मानने पर अब उनपर हमला किया गया है।
आपको बता दे कि मामला 2011 से जुड़ा है। जब हमलावरों में से एक प्रथमा सिंह हरदोई निवासी शिक्षक चिरंजीव कुमार की पत्नी है। 2011 में चिरंजीव कुमार ने पत्नी समेत अन्य लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करवाई थी। उस दौरान मामले में पाल सिंह यादव, पंकज, अनिमेष, उत्तम, रामकुमार और अभिषेक ने केस लड़ा था। बकौल रंजना, उस वक्त उपरोक्त सभी लोग वकील नहीं थे। उन्होंने फर्जी तरीके से केस में पैरवी की थी। जिसके बाद रंजना ने हाईकोर्ट में याचिका दायर करवाई। जिससे गुस्साए लोगों ने अब इन पर हमला किया ।