इन दिनों देश में हिंदू मुस्लिम का मुद्दा चरम पर है। इसी मुद्दे की वजह से मॉब लिंचिंग जैसा मुद्दा अब राजनीति में उतरा है। जहां पर राम के नाम पर अल्पसंख्यक लोगों या फिर कहे कि मुस्लिम लोगों को शिकार बनाने की बात कही जाता है लेकिन जहां पुरे देश में इन घटनाओं को अंजाम देना वाला एक समूह है। तो वही असम के गुवाहाटी में एक ऐसा भी परिवार है जो मुस्लिम होने के बाद भी सालों से शिवभक्ति कर रहा है इतना ही नही, इस परिवार को लोग पीढ़ियों से एक मंदिर की देखभाल कर रहे है। दरअसल गुवाहाटी में रंगमहल गांव में 500 से भी ज्यादा साल पुराना एक शिव मंदिर है। जिसकी देखभाल एक मुस्लिम परिवार करता है। हैरानी की ये है कि ये मुस्लिम परिवार आज से इस मंदिर की देखभाल नहीं कर रहा। इस मंदिर की देखभाल इस परिवार की पीढ़ियों ने की है। जिसकी वजह से इस परिवार के लिए ये एक प्रथा बन गई है। इस समय इस मंदिर की देखभाल मतिबर रहमान कर रहे है। जिनका कहना है कि उनका घर मंदिर के पास ही है और यहां हिंदुओं के साथ- साथ मुस्लिम समुदाय के लोग भी भगवान शिव की अराधना करते हैं।
Assam: A Muslim family looks after a Shiva temple for last 500-year in Rangamahal village, Guwahati. The caretaker Matibar Rehman says,' It's a 500-year-old temple, our family looks after the temple. People from both the religions- Hindu and Muslim- come here to offer prayers.' pic.twitter.com/6HZTGtPhAy
— ANI (@ANI) March 2, 2019
रहमान के मुताबिक, उनकी कई पीढ़ियों ने इस मंदिर की देखभाल की है और अब वह इस मंदिर की देखभाल कर रहे है और अपने घर की परंपरा को निभा रहे है। रहमान का कहना है कि पहले उनके पिता इस मंदिर का रख- रखाव करते थे और अब वह कर रहे है और इसी तरह आगे उनका बेटा इस मंदिर की देखभाल करेगा। जिसका बाद सुबह रोजाना यहा पर रहमान ही दिया जलाते है। आपको बता दें कि रहमान सुबह पहले नमाज अदा करते है और उसके बाद मंदिर की साफ- सफाई करते है। इतना ही नहीं, इस गांव में हिंदू मुस्लिम ही नहीं बल्कि सभी धर्म के लोग मिलकर पूजा पाठ करते है। गौरतलब है कि इस गांव में सभी धर्म के लोगों का एक साथ रहना यही दर्शाता है कि बेशक राजनीति में कितना भी इस मुद्दे को उठा लिया जाए। इस पर कितनी भी नीचे स्तर के बयान दिए जाए लेकिन फिर भी जमीनी स्तर पर जो लोग मिलकर जुलकर रहते है। उनपर किसी तरह का कोई प्रभाव नहीं पड़ता। ये भी पढ़ें:- शादी के कार्ड पर मुस्लिम परिवार ने छपवाए रामसीता, गुस्साए काजी ने निकाह पढ़ाने से किया इंकार