राजनीति की दुनिया में ऐसे कई नेता हैं जो जनता के पैसे से अपनी जिंदगी बड़ी ही शान से जीते हैं। उनके लिए जनता की जरूरत जनता की मांगे कोई मायने नहीं रखती। और हाल में एसोसिएशन ऑफ डेमोक्रेटिक रिफॉर्म ने एक रिपोर्ट पेश की है। रिपोर्ट के मुताबिक एमपी मे ऐसे कई सांसद और विधायक हैं जिनके पास न तो पैन कार्ड है और न ही वो इनकम टैक्स भरते हैं। इस लिस्ट में पहला नाम गदरवाड़ा से विधायक सुनीता पटेल और सिरोंजी से विधायक उमाकांत शर्मा का है। जो पैन कार्ड की डिटेल नहीं देते। खैर आपको व्यापम घोटाला तो याद ही होगा तो जानकारी के लिए बता दें, घोटाले के आरोपी पूर्व मंत्री लक्ष्मीकांत शर्मा के भाई विधायक उमाकांत शर्मा हैं।
अब आपको उन सांसदों से रूबरू कराते हैं जो इनकम टैक्स भरना जरूरी नहीं समझते। इनमें पहला नाम है बालाघाट से बीजेपी सांसद बोध सिंह भगत का, इनके पास 2 करोड़ से अधिक की संपत्ति है। साथ ही शहडोल से बीजेपी सांसद ज्ञान सिंह के पास भी 1 करोड़ से अधिक की संपत्ति है।
एमपी के 13 विधायकों के पास है करोड़ों की दौलत
अकेले एमपी की बात करें, तो यहां ऐसे 16 विधायक हैं जिनके पास करोडों की जायदाद है। हालांकि इनके पास पैन कार्ड पर है पर अभी तक इन लोगों का आईटीआर फाइल नहीं हुआ है। वहीं कमलनाथ सरकार में मंत्री ओंकार सिंह मरकाम का नाम इनकम टैक्स रिटर्म फाइल न करने वालों में शामिल है। इनके पास लगभग 2करोड़ की संपत्ति है।
रिपोर्ट आने के बाद एडीआर ने एमपी और छत्तीसगढ़ के चीफ इनकम टैक्स ऑफिसर ने पत्र लिखकर सभी लोगों पर कार्रवाई करने की मांग की है। इस रिपोर्ट में कहा गया है कि इस लिस्ट में उन नेताओं का नाम भी शामिल है जो दो से तीन बार चुनाव जीते हैं। और ये उम्मीदवार पैन कार्ड के कॉलम को या तो भरते नहीं है या नॉट एप्लीकेबल लिख देते हैं। इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने 13 दिसंबर 2013 में आदेश दिए थे कि जो भी उम्मीदवार नामांकन भरते हुए अपनी आधी या गलत जानकारी देगा, उसकी उम्मीदवारी रद्द की जा सकती है।