राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद सोमवार को अपने शहर पहुंचे। जहां पर राष्ट्रपति ने अपने बचपन के लम्हों को याद किया। इस दौरान उन्होंने अपने गुरु के पैर भी छूए। जिसके बाद अपने शिष्य के हाथ से सम्मान पाकर त्रिलोकी नाथ टंडन ने बेहद गर्व महसूस किया। इसके बाद उन्होंने मीडिया से बताया कि कोविंद ने पैर छूकर आशीर्वाद लिया और मुझसे बोले कि आप सौ साल जिएं… मैंने भी कोविंद को बोला कि सौ साल के लिए तो मैं पहले से ही तैयार हूं। टंडन ने राष्ट्रपति से देश को बेहतर दिशा में आगे ले जाने को कहा।
इसके साथ ही राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने यहां पर अपने हर एक शिक्षक को सम्मानित किया। इसी कड़ी में 100 वर्ष पूरे करने वाले अंग्रेजी के शिक्षक प्यारेलाल को भी राष्ट्रपति ने मंच से उतरकर सम्मानित किया। इस दौरान प्यारेलाल की बहू ने बताया कि राष्ट्रपति ने आते ही प्यारेलाल के पैर छुए और पूछा कि गुरु जी… आप मुझे भूले तो नहीं हैं।
जिसके जवाब में प्यारेलाल ने राष्ट्रपति की पीठ पर हाथ रखा और आशीर्वाद दिया। इस दौरान बेहद ही धीमी आवाज मे कहा कि आज मुझे बहुत अच्छा लग रहा है। वो (राष्ट्रपति) बच्चा था। इसके आगे वह बोल नहीं पा रहे थे। जिसके बाद ने राष्ट्रपति ने उनकी बहू से उनका ध्यान रखने के लिए कहा।
वही राष्ट्रपति को अकाउंट्स पढ़ाने वाले हरीराम कपूर सम्मान पाने के बाद बेहद खुश दिखे। इस दौरान उन्होने मीडिया से कहा कि मैं उसका क्लास टीचर था। उन दिनों अध्यापक और छात्र के रिश्तों में मधुरता होती थी हालांकि बतौर शिक्षक उन्हें कई बार सम्मानित किया गया लेकिन ये सम्मान सबसे अलग है।
आपको बता दें कि इस कार्यक्रम में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के साथ मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, सांसद डॉ. मुरली मनोहर जोशी, कैबिनेट मंत्री सतीश महाना, वीरेंद्र जीत सिंह, आदित्य शंकर वाजपेयी, रमाकांत मिश्र, समेत कई लोग थे।