न्यूजीलैंड की दो मस्जिदों में हुए आत्मघाती हमले मे 49 लोगों की मौत हो गई। इस हमले में हैरानी की बात तो ये रही कि बंदूकधारियों ने इस खोफनाक मंजर को फेसबुक पर लाइव रखा था। जिसकी वीडियों भी सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रही है। इसी बीच अब हमलावर ने सोशल मीडिया पर 74 पेज का एक पोस्ट शेयर किया है। जिसमे उसने हमले के पीछे की वजह बताई है। इस पोस्ट में हमलावर ने शरणार्थी विरोधी बाते लिखी है। जिसके बाद ब्रेंटन टैरंट ने हमले को सही बताने की कोशिश की है।
पत्र में हमलावर ने खुद को 28 साल के श्वेत शख्स के तौर पर दिया है। जिसमें जन्म आस्ट्रेलिया के निम्न घर में हुआ था। इस दौरान उसने हमले का कारण बताते हुए लिखा कि यह विदेशी आक्रमणकारियों से हजारों लोगों की मौत का बदला है।
इस हमले पर कोपेनहेगन में स्वीडन के नेशनल डिफेंस कॉलेज के मैगनस रैनस्टॉर्प ने कहा कि न्यूजीलैंड और 2011 में नॉर्वे के ओस्लो में हुए हमले में कई समानता है। रैनस्टॉर्प ने कहा कि न्यूजीलैंड के हत्यारे ने जो घोषमापत्र पोस्ट किया है। वह भले ही नॉर्वे के हत्यारे एंडर्स बेहरिंग ब्रिविक के 1,500 पन्ने के पत्र से छोटा है, लेकिन दोनों में एक ही तरह की विचारधारा है।
हालांकि इस दौरान हमलावर ने लिखा भी है कि उसने ब्रिविक के समर्थकों से संपर्क किया था। 22 जुलाई 2011 के ब्रिबिक ने नॉर्वे की राजधानी ओस्लों में एक कार बम से आठ लोगों को मार डाला था। उसके बाद वामपंथी लेबर पार्टी की युवा इकाई द्वारा संचालित कैंप में घुसकर अंधाधुंध फायरिंग की थी, जिसमें 69 लोगों की मौत हुई थी। उसे 21 साल कैद की सजा हुई है।
गौरतलब है कि दोनो मस्जिदों में हमला करने से पहले हमलार पाकिस्तान और उत्तर कोरिया जैसे देशों में रह चुका है। बताया जाता है कि आरोपी अश्वेत देश जैसे भारत चीन, टर्की, पाकिस्तान, रोम, अफ्रीका आदि देशों के लोगों से नफरत करता है। इसका मानना है कि ये अश्वेत लोग बाहर के देशों से आकर यूरोप में फेल रहे है। जिसकी वजह से वहा के लोगों के लिए मौके कम हो रहे है।