श्री लंकाई टीम ने मैदान में वो कर दिखाया जिसकी किसी को उम्मीद नहीं थी। बुरे दौर से गुजर रही इस टीम ने साउथ अफ्रीका जैसी मजबूत टीम को उसी के घर में सिर्फ एक विकेट से हरा दिया। इस नामुमकिन से दिखने वाले कारनामे को श्री लंका की टीम कुसल परेरा की बेहतरीन बल्लेबाजी की बदौलत कर दिखाया। इस 28 वर्षीय बैट्समैन ने न सिर्फ नॉटआउट 153 रन की पारी खेली बल्कि 10वें विकेट के लिए विश्वा फर्नांडो (6 रन) के साथ 78 रन की अटूट पार्टनरशिप कर अपनी टीम को एक विकेट की जीत दिला दी। इसके साथ ही परेरा ने आईसीसी की ताजा टेस्ट बल्लेबाजी रैंकिंग में 58 स्थान की लंबी छलांग लगाई है। श्रीलंका की दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ डरबन टेस्ट में जीत के नायक रहे परेरा मैच में 51 और नाबाद 153 रन की पारियों के दम पर करियर की सर्वश्रेष्ठ 40वीं रैंक पर पहुंच गये हैं।आइए जानते हैं कब किस क्रिकेटर ने इस तरह की पारी खेलते हुए टीम को जीत दिलाई…
परेरा की शानदार पारी ने एक बार फिर ब्रायन लारा की उस बेहतरीन पारी को याद दिला दिया जिसमें 1999 में लारा ने ब्रिजटाउन में ऑस्टेलिया के खिलाफ नॉटआउट 153 रन बनाए थे। ऑस्ट्रेलिया ने वेस्ट इंडीज को जीत के लिए 308 का टारगेट दिया था और 8वां विकेट 248 के स्कोर पर गिरने के बाद लारा ने कर्टली एंब्रोस के साथ 9वें विकेट के लिए 54 रन जोड़े लेकिन 302 के टीम स्कोर पर एंब्रोस आउट हो गए। कर्टनी वाल्श (0*) ने 14 मिनट तक अपना विकेट गिरने नहीं दिया और वेस्ट इंडीज को एक विकेट की जीत दिलाने में लारा की मदद की।
2006 में कोलंबो में महेला जयवर्धने ने साउथ अफ्रीका के खिलाफ 123 रन बनाकर टीम के जीत के करीब पहुंचाया था। इस मैच में साउथ अफ्रीका (361 और 311) ने श्री लंका (321 और 352/9) को 351 रनों का लक्ष्य दिया। लक्ष्य का पीछा करने उतरी मेजबान टीम की शुरुआत खराब रही। लेकिन कप्तान महेला जयवर्धने ने स्थिती को संभाला और 11 चौके और 2 छक्के की मदद से 123 रन पारी खेलते हुए टीम को जीत के करीब पहुंचाया। इस मैच को श्रीलंका की टीम ने महज एक विकेट से जीता था।
क्रिकेट के भगवान कहे जाने वाले सचिन तेंडुलकर का भी नाम इस फेहरिस्त में शामिल है। उन्होंने 2008 में चेन्नैई में इंग्लैंड के खिलाफ नॉटआउट 103 रन बनाया। पहले टेस्ट में इंग्लैंड ने चौथी पारी में भारत को जीत के लिए 387 रनों का लक्ष्य दिया। बड़े लक्ष्य का पीछा करने उतरी भारतीय टीम ने तूफानी अंदाज में शुरुआत की। वीरेंदर सहवाग ने 68 गेंदों में 83 रन बनाए, जबकि गंभीर ने 139 गेंदों में 66 रन बनाए। इसके बाद सचिन तेंडुलकर ने मोर्चा संभाला और 196 गेंद में 9 चौके की मदद से नाबाद 103 रनों की पारी खेलते हुए भारत को जीत दिला दी। इस मैच में युवराज सिंह 131 गेंद में 85 रन बनाकर नाबाद रहे।