लोकसभा चुनाव के चलते जहां कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी यूपी में प्रचार की कमान संभाल रही है। जिसके चलते प्रियंका गांधी यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पर एक के बाद एक निशाना साध रही है। जिसके बाद अब मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी प्रियंका के हर वार का पलटवार कर रहे है। दरअसल प्रियंका गांधी ने हाल में शिक्षामित्रों के मुद्दें पर योगी सरकार को जमकर घेरा था।
प्रियंका गांधी ने ट्वीट कर कहा क उत्तर प्रदेश के शिक्षामित्रों की मेहनत का रोज अपमान होता है। सैकड़ों पीड़ितों ने आत्महत्या कर ली। जो सड़को पर उतरे, सरकार ने उन पर लाठियां बरसा दी। रासुका के तहत केज दर्ज किया गया। बीजेपी के नेता टी-शटों की मार्केटिंग में व्यस्त हैं। काश वे अपना ध्यान दर्दमंदों की ओर भी डालते।’
इसके साथ ही ट्वीट के जरीए प्रियंका ने अनुदेशकों का मुद्दा भी उठाया। इस दौरान प्रियंका ने लिखा कि मैं लखनऊ के कुछ अनुदेशकों से मिली। यूपी के मुख्यमंत्री ने उनका मानदेय 8,470 रुपये से बढ़ाकर 17 हजार रुपये की घोषणा की थी। मगर आज तक अनुदेशकों को मात्र 8,470 रुपये ही मिलता है। सरकार के झूठे प्रचार का शोर है।
प्रियंका गांधी के इन आरोपो के बाद मुख्यमंत्री योगी की तरफ से सूचना सलाहकार मृत्युंजय कुमार ने मोर्चा संभाला। उन्होंने प्रियंका गांधी ने ट्वीट कर कहा का आप पहले इस बात का जवाब दीजिए कि शिक्षामित्रों की सुविधा को लेकर 2004 से 2014 तक केंद्र की कांग्रेस सरकार क्यों सोती रही। राजनीति की जल्दबाजी में अपनी जिम्मेदारियों से मत भागिए। इसके आगे उन्होंने कहा कि केंद्र की मोदी सरकार और राज्य की योगी सरकार ने शिक्षामित्रों का मानदेय 3500 रुपये से बढ़ाकर 10 हजार रुपये किया। उनकी निष्पक्ष भर्ती की प्रक्रिया शुरू की। शिक्षक चयन में 25 फीसदी का वेटेज दिया। शिक्षामित्रों को उनके गृह जनपद में ही तैनाती दी गई।