The Oscars 2019 ऑस्कर अवॉर्ड के 91वें संस्करण में भारत को एक बड़ी सफलता हासिल हुई है. जिसमें देश-दुनिया की कुछ चुनिंदा फिल्मों में अवॉर्ड जीतने की रेस में भारत की डॉक्यूमेंट्री ने ऑस्कर अवार्ड जीत भारत का नाम रोशन किया है. इस फिल्म का नाम है ‘पीरियड इंड ऑफ सेन्टेंस’. रायका जेहताबची इस फिल्म की डायरेक्टर हैं. और गुनीत मोंगा के सिख्या एंटरेंनमेंट ने फिल्म को प्रोड्यूस किया है. फिल्म 26 मिनट की है. और ये पूरी फिल्म उत्तर प्रदेश के हापुड़ के गांव काथीखेड़ा की महिलाओं के समूह पर बनाई गई है. फिल्म में कुछ महिलाएं पैडमैन के नाम से फेमस अरुणाचलम मुरुगंथम के द्वारा बनाई लो-कॉस्ट मशीन से सैनिटरी नैपकिन बनाती नजर आती हैं. इस फिल्म का ट्रेलर 2018 में रिलीज किया गया था.
फिल्म के ट्रेलर पर अगर एक नजर डालें तो इसकी शुरुआत एक सवाल से होती है. और वो सवाल है कि पीरियड्स क्या हैं. इस सवाल पर स्कूली बच्चे जवाब देते हैं कि स्कूल की घंटी बजती है उसे पीरियड कहते हैं. और गांव की कुछ महिलाएं शरमा कर वहां से भाग जाती हैं. आपको बताते चलें कि फिल्म की पूरी कहानी हापुड़ की एक लड़की पर बनाई गई है. जिसका नाम है स्नेहा. ये लड़की दोस्तों के संग मिलकर सेनेटरी पैड भी बनाती है. ये लड़की दोस्तों के संग पैड बनाकर उन्हें नारी सशक्तिकरण के अंतर्गत काम कर रही संस्थाओं को भी सप्लाई करती हैं.
WE WON!!! To every girl on this earth… know that you are a goddess… if heavens are listening… look MA we put @sikhya on the map ❤️
— Guneet Monga (@guneetm) February 25, 2019
हापुड़ जिले की स्नेहा
स्नेहा उत्तर प्रदेश के हापुड़ जिले की रहने वाली है. स्नेहा की उम्र सिर्फ 22 साल है. स्नेहा के पिता राजेंद्र किसान हैं. यूं तो स्नेहा का सपना था कि वो पुलिस में भर्ती हो. लेकिन वो तो कभी हापुड़ से ही बाहर नहीं गई. एंटरटेनमेंट पोर्टल के मुताबिक स्नेहा की पूरी दुनिया सिर्फ उसका परिवार है. उसकी भाभी एक्शन इंडिया संस्था के लिए काम करती थीं. और स्नेहा की भाभी ने ही उसे संस्था के बारे में बताया. जिसके बाद स्नेहा ने भी संस्था के साथ काम करना शुरू कर दिया. पैड बनाने के काम में उसने अपनी मां को बताया लेकिन पाप से सिर्फ इतना कहा कि बच्चों के डायपर बनाए जाते हैं संस्था में. कुछ समय बाद जब संस्था की तरफ से हापुड़ में कॉडिनेटर शबाना के साथ विदेशी लोग आए. और उन विदेशियों ने बताया कि उन्हें पीरियड पर फिल्म बनानी है. इसके बाद मैंने हिम्मत की. और सोचा कि अगर शरमाने लगी तो फिल्म में काम कैसे कर पाउंगी. फिर मैंने काम शुरू किया. और एक साल बाद पता चला कि मेरी फिल्म ऑस्कर के लिए नॉमिनेट हुई है. ये भी पढ़ेंः- दिल्ली में पीएम मोदी के हाथों बनेगा बड़ा रिकॉर्ड, ऐसी श्रीमद् भागवत गीता आपने कभी नहीं देखी होगी