बसपा सुप्रीमो मायावती एक बार फिर विवादों से घिर गई हैं. पहले स्मारकों का निर्माण और अब उत्तर प्रदेश में साल 2010 में हुई लोकसेवा आयोग की अपर निजी सचिव भर्तियों को लेकर. बता दें, सीबीआई ने मायावती के शासन में हुई लोकसेवा आयोग की भर्ती परीक्षा को लेकर भाई-भतीजावाद करने के आरोपों में जांच शुरू कर कुछ अफसरों के खिलाफ प्रारंभिक रिपोर्ट दर्ज की है. सीबीआई को जांच करते हुए कुछ शिकायतें मिली कि भर्ती परीक्षा में घोटाला हुआ है. हालांकि ये भर्ती परीक्षा जांच के दायरे में नहीं थी. इसलिए सीबीआई ने जांच के लिए मुख्य सचिव को पत्र लिखा था. इसके बाद ही राज्य सरकार ने सीबीआई जांच की सिफारिश की थी. सीबीआई फिलहाल नोटिस जारी कर औपचारिक पूछताछ करना शुरू करेगी.
सीबीआई अफसरों के मुताबिक मायावती के शासन में 250 पदों के लिए भर्ती परीक्षा में कुछ करीबी रिश्तेदारों को तरजीह दी गई. और ये सारे अधिकारी मायावती की सत्ता में यानि 2007-2012 के बीच मायावती के काफी करीब माने जाते थे. सूत्रों के मुताबिक सीबीआई को जो दस्तावेज मिले हैं उनमें ये जानकारी सामने आई है कि करीबी लोगों के लिए बड़े अधिकारियों ने एक्ट में पहले संशोधन कर भर्ती करवाई.
फिलहाल सीबीआई ने ये पूरी तरह से साफ नहीं किया है कि मामले में लोक सेवक शब्द का उपयोग निर्वाचित प्रतिनिधि के लिए किया गया है या किसी अन्य के लिए. और ना ही सीबीआई ने इस सवाल पर कुछ कहा है कि जो उम्मीदवार चुने गए हैं वो सरकार के करीबी रिश्तेदार थे. ये भी पढ़ेंः- पुलवामा अटैक पर पीएम मोदी बोले ये एक्शन का वक्त