देश में चुनावी माहौल जोरों पर है। और जब सत्ता की कुर्सी उत्तर प्रदेश पर निर्भर करती है। तब तो उत्तर प्रदेश का अपना अलग ही पैमाना होता है। या आसान शब्दों में ये कह सकते हैं कि सत्ता की कुर्सी का रास्ता उत्तर प्रदेश की गलियारों से ही होते हुए जाता है। अब ऐसी स्थिति में फिर से सपा-बसपा के गठबंधन को यूपी में बड़ा झटका पहुंचा है। जहां अभी तक बीजेपी पार्टी सूबे में अकेले ही चुनाव लड़ने वाली थी, अब उनका गठबंधन निषाद पार्टी से हो गया है। और गोरखपुर से सांसद प्रवीण निषाद बीजेपी पार्टी में शामिल हुए हैं।
जबकि इससे पहले प्रवीण निषाद ने सपा के टिकट पर चुनाव लड़ा था। पर लोकसभा चुनाव से पहले उन्होंने मायावती और अखिलेश को बीजेपी में शामिल होकर बड़ा झटका दिया है। वहीं मंगलवार को निषाद पार्टी के संस्थापक अध्यक्ष संजय निषाद ने कहा था कि सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने बसपा सुप्रीमो मायावती के दबाव में आकर काम कर रहे हैं। इसी कारण उन्होंने गोरखपुर और महाराजगंज सीटों का भरोसा जताकर अखिलेश यादव ने सीटें न देकर धोखा दिया है।
निषाद ने कहा कि अखिलेश ने मुझे दो सीटें न देकर सिर्फ एक सीट दी और सपा के लिए चुनाव लड़ने को कहा। जो मुझे स्वीकार नहीं था। वो बोले कि उन्हें सिर्फ अखिलेश ही नहीं बल्कि मायावती ने भी धोखा दिया है। इसीलिए मुझे पार्टी छोड़ने का फैसला लेना पड़ा। ये भी पढ़ेंः- लोकसभा चुनाव से जुड़ी बड़ी खबर, यूपी में दो-दो जगह होगा चाचा-भतीजा में संग्राम!
आपको बता दें, पार्टी अध्यक्ष संजय निषाद के बेटे प्रवीण निषाद ने गोरखपुर में सपा प्रत्याशी के तौर पर लोकसभा उपचुनाव में जीत का परचम फहराया था। पर अब उन्होंने बीजेपी पार्टी में शामिल होकर सपा-बसपा को बड़ा झटका दिया है।