एक कहावत है ‘जाको राखै साइयां, मार सके न कोई.’ ये कहावत उस वक्त सच हो गई जब पुलवामा आतंकी हमले में जहां हमारे 40 से ज्यादा जवान शहीद हो गए, लेकिन एक जवान की जान इस हमले में बच गई. अपनी बटालियन में शामिल हुआ ये जवान साथियों के साथ उसी बस में बैठकर रवाना हुआ जो पुलवामा हमले में शामिल थी, लेकिन गाड़ी में बैठने के बाद ही उस जवान के मोबाइल पर एक मैसेज आया जिस पढ़कर वो गाड़ी से उतर गया और उनकी जान बच गई. अब आपको समझाते हैं कि आखिर ऐसा क्या हुआ, जिससे इस जवान की जान बच गई.
कुछ ऐसा हुआ था जिससे बच गई जान
जिस दिन पुलवामा में सीआरपीएफ की बसों पर आतंकी हमला हुआ, उसी दिन अहमदनगर स्थित थाका बेलकर के घर में उनकी शादी की तैयारियां चल रही थी. लेकिन हेडक्वार्टर से उन्हें शादी के लिए छुट्टी नहीं मिली. साथ ही उनको भी उसी वक्त बटालियन के साथ कश्मीर जाने के लिए कहा गया. आदेश मिलते ही थाका बेलकर कश्मीर जाने की तैयारी करने लगे. वहीं जब वो निकलने की तैयारी कर रहे थे कि तभी उनके मोबाइल पर एक मैसेज आया, जिसने उनकी जान बचा ली. वो मैसेज था ‘आपकी छुट्टी मंजूर कर ली गई है,’. फिर क्या था इस मैसेज को पढ़ते ही बेलकर गाड़ी से उतर गए और अपने कैंप से गांव के लिए निकलने की तैयारी करने लगे, जिससे उनकी जान बच गई.
साथियों के जाने का पहुंचा गहरा दुख
ऐसे में अगर उस वक्त बेलकर को छुट्टी नहीं मिली होती तो उन्हें भी बटालियन के साथ कश्मीर जाना पड़ता, लेकिन 14 फरवरी को उन्हें छुट्टी मंजूर होने का मैसेज मिला. जिससे उनकी जान बच गई. वहीं जब कुछ घंटे बाद ही उनको पता चला कि उनके साथियों के ऊपर आतंकी हमला हुआ तो उन्हें गहरा सदमा लगा. उनकी शादी मातम में बदल गई और बेलकर ने मीडिया के सामने आने से मना दिया. ये भी पढ़ें: करोड़पति के बेटे ने ऑटो पर ठोक दी बेंटले कार, विदेशी महिला की मौत दो घायल