कहते है हमारी जन्मकुंडली हमारे बारे में काफी कुछ कह देती है। कुंडली में ग्रहों की स्थिती हम किसी व्यक्ति की सांसारिक जीवन के बारे में जान सकते है। यहां तक की उस इंसान के स्वभाव और मानसिक स्थिती के बारे में भी कुंडली के जरिए काफी कुछ जाना जा सकता है। लोकसभा चुनाव करीब है तो ऐसे में हम बात कर रहे है कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी की कुंडली की। इसके जरिए जानने की कोशिश करेंगे की आखिर क्या वजह है कि राहुल गांधी प्रधानमंत्री मोदी से पीछे रह जाते है।
राहुल गांधी का जन्म 19 जून 1970 को दिल्ली में दोपहर 2 जकर 28 मिनट में हुआ था। उनकी कुंडली वर्गोत्तम तुला लग्न की है। जहां लग्न में गुरु भी तुला राशि में वर्गोत्तम होकर उनको एक सौम्य व्यक्त्वि प्रदान करता है। शुभ ग्रह लग्न में होने से उनके चेहरे पर एक मासूमियत और भोलापन है। राहुल गांधी की कुंडली में बुद्धि स्थान यानी पंचम भाव में राहु ने डेरा जाला हुआ है। लग्न से पंचम में कमजोर राहु की वजह से वह विपक्षियो के निशाने पर रहते है और विपक्षी उन्हें इसी वजह से भ्रमित नेता के रूप में दिखाते है।
राहुल गांधी की कुंडली में वाणी स्थान का स्वामी मंगल भाव में सूर्य के साथ मिथुन राशि में अस्त होकर बैठा हैष वाणी का कारक ग्रह बुध राशि और नवांश दोनों जगह अष्टम भाव में पड़ा होने के कारण उनकी जुबान अक्सर भाषण देने के दौरान फिसल जाती है। राहुल गांधी की कुंडली में चंद्रमा धनु राशि में केमद्रुम योग में पड़ा हुआ है। चंद्रमा के दोनों ओर कोई ग्रह न होने की वजह से राहुल गांधी को कई बार पार्टी के बाहर और अंद भी विरोध झेलना पड़ता है।
कांग्रेस पार्टी के कुछ नेताओं की गलत बयानबाजी राहुलगांधी को अक्सर भारी पड़ती है। तुला लग्न की उनकी कुंडली में दशमेश चंद्रमा के केमद्रुम योग होने के कारण राहुल गांधी अपनी पार्टी के कमजोर संगठन के चलते मुश्किलों का सामना करते रहते हैं। वर्तमान में धनु राशि पर गोचर कर रहे शनि और केतु अगले एक साल में राहुल गांधी को नेशनल हेराल्ड मामले में कठिन परिस्थिती में डाल सकते हैं।
पंचम भाव में पड़े राहु, सप्तम भाव में बैठे नीच के शनि और नवम भाव में पड़े सूर्य-मंगल की युति ने राहुल को विवाह के सुख से वंचित रखा। उनकी कुंडली में राहु की विंशोत्तरी दशा अप्रैल माह से शुरू हो चुकी है जिससे राहुल विपक्ष के मजबूत नेता बनकर उभरेंगे। लेकिन सत्ता में आने के लिए अभी इन्हें इंतजार करना होगा।