रविवार का दिन देश और देश की राजनीति के लिए काफी अहम दिन रहा क्योंकि चुनाव आयोग ने लोकसभा चुनाव की तारीखों की घोषणा कर दी. वहीं इसके बाद सभी राजनीतिक पार्टियां अपनी-अपनी तैयारियों में जुट गई हैं, लेकिन इन सबके बीच चुनाव आयोग और सरकार की मंसा पर कुछ राजनीतिक पार्टियों और मुस्लिम धर्मगुरुओं ने सवाल खड़े कर दिए हैं. जहां टीएमसी नेता ने रमजान में मतदान का विरोध किया है, तो वहीं आम आदमी पार्टी के विधायक अमानतुल्लाह खान का कहना है कि रमजान में मुस्लिम लोग वोट कम करेंगे. जिसका सीधा फायदा भाजपा को मिलेगा.
इन्होंने उठाए सवाल
आप नेता और सांसद संयज सिंह ने ट्वीट करते हुए लिखा ‘चुनाव आयोग मतदान में हिस्सा लेने की अपील के नाम पर करोड़ों ख़र्च कर रहा है लेकिन दूसरी तरफ़ 3 फ़ेज़ का चुनाव पवित्र रमज़ान के महीने में रख कर मुस्लिम मतदाताओं की भागीदारी कम करने की योजना बना दी है सभी धर्मों के त्योहारों का ध्यान रखो CEC साहेब.’ वहीं आप नेता अमानतुल्लाह ने ट्वीट करते हुए लिखा ’12 मई का दिन होगा दिल्ली में रमजान होगा. मुसलमान वोट कम करेगा. इसका सीधा फायाद बीजेपी को होगा.’
ओवैसी का करारा जवाब
तृणमूल नेता और कोलकाता मेयर फिरहाद हाकिम ने कहा चुनाव आयोग सेवैधानिक संस्था है. हम उसका सम्मान करते हैं, हम उसके खिलाफ कुछ नहीं कहना चाहते, लेकिन उत्तर प्रदेश, बिहार और बंगाल में 7 चरणों में चुनाव लोगों के लिए मुश्किल भरा होगा. जहां आप नेता चुनाव आयोग और बीजेपी पर सवाल उठा रहे हैं, तो वहीं एआईएमआईएम चीफ असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि रमजान के दौरान मुस्लिम बाकी सभी काम करते हैं. इसी तरह वो चुनाव में भी हिस्सा लेंगे और पवित्र महीने में ज्यादा मतदान होगा.
उन्होंने कहा ये पूरा विवाद गैर-जरूरी है. मैं राजनीतिक पार्टियों से अनुरोध करता हूं कि मुस्लिमों समुदाय और रमजान का इस्तेमाल न करें. ये भी पढ़ें: यूपी में आर्मी चीफ जनरल बिपिन रावत की गर्जना हर चुनौती के लिए तैयार रहें