उत्तर प्रदेश की योगी सरकार को सत्ता में आए दो साल पूरे हो गए है. यूपी सरकार के दो साल और तो वहीं देश में बीजेपी पार्टी लोकसभा चुनाव की तैयारी कर रही है. सूबे के चुनावी मैदान में मोदी सरकार के साथ-साथ योगी सरकार के काम-काज का हिसाब होना तय माना जा रहा है. बता दें कि सीएम योगी आदित्यनाथ 19 मार्च 2017 को सूबे की सत्ता की कमान संभालते ही बदलाव के लिए कई बड़े दांवे किए थे. और इसी के साथ ही उत्तर प्रदेश में कानून व्यवस्था को दुरस्त करने के लिए कड़े फैसले लिए गए.
सूबे में गैरकानूनी रूप से बूचड़खानों पर ताला जड़ा गया. योगी सरकरा पौराणिक पहचान का हवाला देते हुए कई शहरों के नाम बदल दिए. यूपी में जीरो टॉलरेंस कायम करने के लिए पुलिस- प्रशासन को अपराधियों का एनकाउंटर की खुली छूट दी गई. और सीएम योगी ने स्वंय नोएडा आकर योगी ने मिथक तोड़ने का काम किया.
वर्तमान में बदलाव के लिए योगी सरकार ने उठाए 10 बड़े कदम….
– अपराधियों के खिलाफ एनकाउंटर की खुली छूट
उत्तर प्रदेश में अपराधियों पर शिकंजा कसने के लिए और चरमराती हुई कानून व्यवस्था को ठीक 0करने के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पुलिस- प्रशासन को खुली छूट दे दी. योगी सराकार की ओर छूट मिलने के बाद यूपी पुलिस ने अपराधियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करते हुए एनकाउटंर का अभियान चलाया.हालांकि, इस एनकाउंटर अभियान को लेकर विपक्ष की तरफ से सवाल खड़े किए. लेकिन सरकार ने इससे कोई समझौता नहीं किया. योगी आदित्यनाथ ने कहा कि हम अपराधियों के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति पर काम कर रहे हैं.
पौराणिक पहचान के लिए शहरों के नाम बदल दिए गए
सीएम योगी आदित्यनाथ ने अपने अब तक कार्यकाल में उत्तर प्रदेश में कई शहरों के नाम बदलने का फैसला किया है.इनमें मुगलसराय स्टेशन और शहर का नाम बदलकर पंडित दीनदयाल उपाध्याय रखा है. इसके अलावा फैजाबाद जिले का नाम बदलकर अयोध्या रखा गया. इसी के साथ ही इलाहाबाद का नाम बदलकर प्रयागराज कर दिया गया. जब योगी आदित्यानाथ से पूछा गया कि आपने शहरों के नाम क्यों बदल दिए है. तो उन्होनें कहा कि पौराणिक पहचान के लिए शहरों के नाम बदले हैं.
–अवैध बूचड़खानों पर लगाम
योगी आदित्यनाथ ने सत्ता संभालने से पहले सबसे पहले चल रहे गैर- कानूनी रुप से बूचड़खानों पर लगाम लगाई. योगी के शपथ लेने के दो दिन बाद ही अवैध बूचड़खाने बंद करने की कार्रवाई शुरू हो गई थी. वाराणसी से लेकर लखीमपुर खीरी, गाजियाबाद और मेरठ जैसे तमाम शहरों में अवैध बूचड़खानों पर प्रशासन का जमकार डंडा चला था और काफी संख्या में अवैध बूचड़खाने सील कर दिया गया.
– गाय को लेकर बनीं नीतियां
उत्तर प्रदेश में योगी सरकार के सत्ता में आने के बाद गाय के लिए कई नीतिगत फैसलों को लिया गया.हर जिले में नए गौशाला बनाने और हर ब्लाक के कांजीहाउस को गौशाला में तब्दील करने का निर्णय किया गया. गौशाला बनाने के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ 0.5 फीसदी सेस चार्ज लगाया. इसके अलावा गाय की देखभाल और उनके लिए चारा-पानी जैसी तमाम सुविधाएं देने का फैसला किया.
–एंटी रोमियो स्क्वाड
उत्तर प्रदेश में महिलाओं और लड़कियों की सुरक्षा के लिए योगी आदित्यनाथ सरकार ने एंटी रोमियो स्क्वाड का गठन किया. इसके बाद यूपी पुलिस ने कॉलेजों और सार्वजनिक स्थानों पर महिलाओं से छेड़खानी करने वाले मनचलों को पकड़कर कार्रवाई की. एंटी रोमियों स्वाइड को लेकर विपक्ष पार्टियों ने आजादी के नाम पर हथोड़ा करार दिया.
– नकलविहीन परीक्षा योगी आदित्यनाथ सरकार ने 2017 में सत्ता में आने के बाद शिक्षा-व्यवस्था को दुरुस्त करने के लिए ठोस कदम उठाया. यूपी बोर्ड की 10वीं और 12वीं की परीक्षा को नकलविहीन बनाने के लिए विद्यालयों के सेंटर पर सीसीटीवी कैमरे लगवाने का काम किया.
–पूर्वांचल-बुंदेलखंड पर सरकार मेहरबान
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पूर्वांचल और बुंदेलखंड के विकास के लिए कई बड़े फैसले लिए हैं. पूर्वांचल और बुंदेलखंड विकास बोर्ड का गठन किया. इसके अलावा पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे और बुंदलेखंड एक्सप्रेस-वे बनाने का भी सरकार ने फैसला किया. इसके जरिए दोनों इलाकों को जहां एक ओर प्रदेश से जोड़ने की योजना है और विकास को नई गति देने की तैयारी है.
–नोएडा आकर तोड़ा मिथक
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने नोएडा आकर इस मिथक को तोड़ने का कोशिश की. सूबे का जो मुख्यमंत्री नोएडा आता है उसकी कुर्सी चली जाती है. योगी एक बार नहीं बल्कि कई बार नोएडा आने का कदम उठाया है. सियासी गलियारों में ये भी चर्चा होती है कि मुख्यमंत्री रहते वीपी सिंह, वीर बहादुर सिंह, नारायण दत्त तिवारी, मुलायम सिंह यादव और मायावती ने नोएडा आएं थें, जिसके बाद उनकी सरकार चली गई थी.
–धार्मिक शहरों के विकास पर मेहरबान
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सत्ता की कमान संभालते ही उत्तर प्रदेश के धार्मिक शहरों के लिए विकास का पिटारा खोल दिया. इसमें अयोध्या, काशी से लेकर मथुरा और चित्रकूट को सजाने और संवारने के लिए कई बड़े फैसले लिए. अयोध्या में सीएम ने खुद जाकर दीपावाली मनाई तो मथुरा में जाकर होली खेली. इतना नहीं इन शहरों के विकास कार्य तेजी से चल रहे हैं.
–कुंभ को बनाया ‘दिव्य कुंभ‘
प्रयागराज में संगम पर योगी सरकार ने दिव्य एवं भव्य कुंभ का सफल आयोजन कराया. इन सारे आयोजनों ने प्रदेश के बारे में बनी पुरानी धारणा को बदल दिया था. पूरे शहर को सजाया और संवारा गया था. इस कुंभ को दिव्य बनाने के लिए समय से पहले ही बजट जारी कर दिया गया. योगी खुद कई बार प्रयागराज का दौरा कर वहां कुंभ की तैयारियों का जायजा लेते रहे.