चुनाव के बाद नेताओं का एक पार्टी से उठकर दूसरी पार्टी में जाकर बैठ जाना काफी आम माना जाता है। जिसके चलते इन मुद्दों पर ज्यादा चर्चा भी नहीं होती। तभी तो अब पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादूर शास्त्री के बेटे अनिल शास्त्री भोपाल से लोकसभा सीट चुनाव लड़ना चाहते और ये बात उन्होंने अपनी पार्टी को भी बता दी है। इसके साथ ही कयास ये भी लग रहे है कि अगर कांग्रेस ने अनिल शास्त्री को भोपाल सीट से प्रत्याशी नहीं बनाया तो बीजेपी पार्टी अपनी टिकट से उन्हें चुनावी मैदान में उतारने के लिए पूरी तरह तैयार है।
हालांकि अनिल कांग्रेस के नेता है और उनका भी स्पष्ट कहना है कि वह कांग्रेस पार्टी में ही रहना चाहेंगे। वही खबरों की मानें तो अनिल शास्त्री के संपर्क में बीजेपी के कई नेता है और अगर सहमती बन जाती है तो आने वाले दिनों में कांग्रेसी अनिल शास्त्री बीजेपी का दामन थामे नजर आएंगे। फिलहाल इस वक्त तो अनिल भी कड़क शब्दों में बीजेपी की आलोचना कर रहे है और कांग्रेस के साथ रहने का बात कह रहे है। लेकिन कहते है कि न राजनीति मे सब जायज है।
गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश में प्रत्याशियों की पहली लिस्ट जारी करने के बाद अब मध्यप्रदेश में भी पार्टी के आलाकमान बैठक करने में लगे है। इसी कड़ी में अब 11 मार्च को केंद्रीय चुनाव समिति की बैठक है। जिसमें पार्टी प्रत्याशियो की घोषणा हो सकती है। फिलहाल गुना-शिवपुरी से सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया, ग्वालियर से प्रियदर्शनी राजे सिंधिया, रतलाम से कांतिलाल भूरिया के नाम चर्चा में है।
आपको बता दें कि जिस भोपाल लोकसभा सीट पर अनिल शास्त्री चुनाव लड़ना चाहते है उस सीट पर तीन दशक से बीजेपी का कब्जा है। मौजूदा समय में बीजेपी से आलोक संजर यहा के सांसद है। वही मुख्य सचिव रहे सुशील चंद वर्मा भी यहा से चार बार सांसद रह चुके है। उनके अलावे पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती और कैलाश जोशी भी यहां से सांसद रह चुके हैं। इस बार भी भाजपा यहां से कोई मजबूत प्रत्याशी उतारना चाहती है।