नीम जड़ी बूटी के लिहाज से काफी फायदेमंद होता है। नीम से ऐसी कई बीमारियां है जो हम दूर कर सकते है। चाहे फिर नीम की पत्तियां खानी हो या फिर किन्ही चीजों में नीम की पत्ती को मिलकर खाना हो। ऐसी कई बीमारियां है जो हम नीम के घरेलू नुख्से से बना सकते है। आयुर्वेद में नीम का महत्व काफी ज्यादा है। एक नजर नीम के फायदों पर-
कान और दांतों के रोग के लिए
कान में नीम का तेल डालने से कान दर्द में काफी आराम मिलता है। इतना ही नहीं नीम का तेल बेहरेपन की समस्या को भी खत्म कर सकता है। इसके लिए पहले आप नीम का तेल तेज गर्म करके जला लें, फिर इसे थोड़ा ठंडा करके कान में कुछ दिन तक नियमित रूप से डालने से बहरेपन में आराम मिलता है। इसके अलावा नीम दांतों के लिए भी लाभकारी होता है। नीम का दातुन नियमित रूप से करने से कीटाणु नष्ट हो जाते हैं। इससे मसूड़े मजबूत व दांत चमकीले और निरोग होते हैं।
पथरी में लाभदायक
पथरी की समस्या ऐसी है जो ठीक होने के बाद भी दोबारा हो जाती है। लेकिन नीम से भी पथरी हमेंशा के लिए ठीक किया जा सकता है। पथरी की समस्या से बचने के लिए लगभग 150 ग्राम नीम की पत्तियों को 1 लीटर पानी में पीसकर उबाल लें। इस पानी को सामान्य होने पर पी लें। नियमित रूप से ऐसा करने से पथरी में आराम मिल सकता है।
पीलिया में मिलता है आराम
पीलिया में नीम का इस्तेमाल फायदेमंद होता है। पित्ताशय से आंत में पहुंचने वाले पित्त में रुकावट आने से पीलिया होता है। ऐसे में, रोगी को नीम के पत्तों के रस में सोंठ का चूर्ण मिलाकर देना चाहिए। या फिर सिर्फ दो भाग नीम की पत्तियों का रस और एक भाग शहद मिला कर पीने से पीलिया रोग में काफी फायदा होता है।
फोड़े-फुंसियों के लिए नीम
जली हुई जगह पर नीम का तेल या पत्तों को पीस कर लगाने से काफी आराम मिलता है। इसके अलावा अगर आप फोड़े और फुंसियों की समस्या से बचना चाहते हैं, तो नीम के पत्ते, छाल और फलों को बराबर मात्रा में लेकर पीस लें, अब इस पेस्ट को त्वचा पर लगाएं। इससे फोड़े −फुसियां और घाव जल्द ठीक हो जाते हैं। नीम की पत्तियों को पानी में उबालकर और ठंडा करके उस पानी से मुंह धोने से मुहांसों में आराम मिलता है।