लोकसभा चुनाव का बिगुल बजते ही चुनाव आयोग भी एक्शन में आ गया है। लोकसभा चुनाव की ध्यान में रखते हुए चुनाव आयोग ने एक नया फरमान सुनाया है। जिससे राजनेताओं को झटका लगेगा। और खासकर उन नेताओं को परेशानी होगी। जो सरकारी काम में भी बड़े ही शान से जाया करते थे। क्योंकि चुनाव आयोग ने उस पर अब रोक लगा दी है।
दरअसल झारखंड के दुमका में उपायुक्ता मुकेश कुमार ने रविवार को सी-विजिल एप और आदर्श आचार संहिता से संबंधित पुलिस और विभाग के पदाधिकारियों के साथ बैठक की। इस दौरान उन्होंने चुनाव आयोग का एक फरमान सुनाया। जिसमें उपायुक्त ने कहा कि सी-विजिल के जरीए चुनाव आयोग एक दूसरे को ट्रैक भी किया जा सकता है।
उन्होंने कहा कि चुनाव के चलते जिस भी एप का लिंक भेजा जाएगा। उसे डाउनलोड जरूर करें। इस एप पर चुनाव आयोग की नजर होगी। इस एप पर किसी भी तरह का फोटो और वीडियो ऑपलोड करने से पहले उसकी जांच जरूर करें। ताकि आचार संहिता का उल्लंघन न हो।
इसके आगे चुनाव आयोग ने ये भी निर्देश दिए है कि हर एक गतिविधियों का वीडियो बनाए जाए। इसमें गाड़ी की चैकिंग तक का वीडियो होना चाहिए। जो आप लोगों को बड़े ही प्यार से करवानी है। वही राजनैतिक पार्टियों के लिए इस बार नया आदेश आया है। आयोग ने कहा है कि किसी भी सरकार कार्यक्रम में कोई भी राजनेता शामिल न हो। इसलिए पुलिस पहले ही जांच कर ले, कि किसी भी स्कूल या आंगड़वाड़ी मे राजनेताओं या उनकी पार्टी के पोस्टर, बैनर, झंडा न लगा हो। अगर लगा भी है तो उसे हटाने आदेश दिए गए है।
इसके आगे चुनाव आयोग का फरमान सुनाते हुए डीसी ने कहा कि किसी भी तरह के विकास का काम चुनाव के चलते नहीं रोका जाएगा। काम वैसे ही चलता रहेगा। बस नए काम को अब शुरू नहीं किया जाएगा। बस चुनाव शांतिपूर्ण तरीके से करवाना हमारा मकसद है।