भारतीय जनता पार्टी की रामपुर से प्रत्याशी जयाप्रदा ने आजम खां का नाम लिए बिना उनपर जमकर सियासी प्रहार किएं. जया ने कहा कि इस सियासी रार का आगाज उन्होंने ही किया था. होने की बावजूद भी मैं आजम खां के चलते अपने संसदीय सीट पर नहीं जा पाती थीं. वहां पर विकास कार्यों का शिलान्यास नहीं कर पाती थी. अन्त में, मैं इनसे त्रस्त हो गई. इसी बीच, जयाप्रदा ने मीडिया से बातचीत के दौरान, उस कारण को भी साझा किया, जिसके कारण वे बीजेपी में शामिल हुईं हैं. उन्होंने कहा कि वे मोदी के विकास कार्यों की मुरिद हो चुकी हैं. मोदी जी अनवरत देश को विकास के कार्यों पर लें जाने के लिए अग्रसर हैं. इसलिए तो मैंने बीजेपी में शामिल होने का फैसला किया.
इसके साथ ही जया ने समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव का जिक्र करते हुए कहा कि जो अपने पिता का नहीं हुआ, वो मेरा क्या होगा. इसके अतिरिक्त, उन्होंने कहा कि जब मैं रामपुर की सड़कों पर रो रहीं थी, तब उस दौरान कोई मेरी मदद के लिए आगे नहीं आया. उस दौरान अगर कोई मेरे साथ था, तो वे थें अमर सिंह, जो मेरी मदद के लिए आगे आएं थें.
वहीं, इस दौरान जब उनसे पूछा गया कि क्या रामपुर से आप अपनी मर्जी से चुनाव लड़ी रही है. इस पर इन्होंने बड़ी ही सहजता से जबाव देते हुए कहा. मेरे रामपुर से चुनाव लड़ने का फैसला मेरा नहीं, बल्कि पार्टी ये पार्टी का फरमान है, जिसको मानने के लिए, मैं कृत्य संकल्पित हूं.