समाज में दहेज प्रथा जैसी कुरीतियां अक्सर कई लड़कियों को खुदकुशी करने पर मजबूर कर देती हैं. लेकिन पीपलका गांव के सचिन नागर में समाज के सामने एक बड़ी मिसाल पेश की है. सचिन ने अपनी शादी में दहेज लेने के बजाय सिर्फ 101 रुपये का शगुन लेकर अपनी दुल्हन को घर ले आए. इस पहल पर सचिन का कहना है कि दहेज प्रथा जैसी कुरीति को कोई एक व्यक्ति खत्म नहीं कर सकता. इसके लिए हर घर से पहल होनी चाहिए.
बता दें, सचिन नागर के पिता तेजपाल सिंह नागर की फैक्ट्री दिल्ली में है. साथ ही उनके पास करीब 70 बीघा जमीन भी है. सचिन दो भाई है. जिनमें सचिन सूरजपुर कोर्ट में वकील हैं. और उनकी करीब 2 महीने पहले सिकंदराबाद के मंडेया गांव से सगाई थी. सचिन ने सगाई के वक्त भी शगुन में सिर्फ 101 रुपये ही लिए थे. सचिन ने शादी की हर रस्म पर सिर्फ 101 रुपये ही शगुन के रूप में लिए. गुरुवार को उनकी शादी हुई जिसमें उन्होंने न तो कोई फर्नीचर लिया ना ही कोई और सामान.
सचिन के पिता तेजपाल सिंह ने कहा कि उन्होंने पहले से ही सोच रखा था कि बेटे की शादी में किसी तरह कोई दहेज नहीं लेंगे. तेजपाल सिंह का कहना है कि दहेज को जड़ से मिटाने के लिए सबको अपने घर से ही शुरुआत करनी पड़ेगी. तभी बेटियां ससुराल में बहू नहीं बल्कि बेटी बनकर जाएंगी. ये भी पढ़ेंः- शानदार यूपी पुलिस के सिपाही की मेहनत को सलाम, पढ़ाई-लिखाई की और बन गए SDM