दिल्ली के सीएम और आम आदमी पार्टी संयोजक अरविंद केजरीवाल लोकसभा चुनाव अभियान को लेकर आंदोलन के रास्ते पर निकल पड़े हैं. एक बार फिर दिल्ली को पूर्ण राज्य का दर्जा दिलाने का मामला गरमा रहा है.बताया जा रहा है कि अगले महीने एक मार्च से दिल्ली वालों को संगठित करने के मकसद से वह अनिश्चितकालीन उपवास पर बैठेंने जा रहे हैं। इस अवसर पर आप का दिल्ली को पूर्ण राज्य का दर्जा दिलाने का आंदोलन भी शुरू होगा। केजरीवाल का दावा है कि पूर्ण राज्य का दर्जा मिलने तक अनिश्चितकालीन ध्ररना जारी रहेगा।
हालांकि, सीएम केजरीवाल दिल्ली को पूर्ण राज्य की मांग पहले भी उठाते रहे है. ऐसे में विपक्षी पार्टियों के नेता निशाना साध रहे है कि हमें समझ नहीं आ रहा है.दिल्ली के सीएम केजरीवाल क्यों धरना दें रहे है? संसद का सत्र को बुलाकर ही दिल्ली को पूर्ण राज्य का दर्जा दिलाया जा सकता है.
केजरीवाल के धरने को लेकर दिल्ली की पूर्व मुख्यमंत्री शीला दीक्षित ने कहा कि संसद सत्र बुलाकर ही दिल्ली को पूर्ण राज्य का दर्जा दिलाया जा सकता है। और अभी संसद सत्र नहीं बुलाया जा सकता है. मुझे समझ नहीं आ रहा है कि वह क्यों ऐसा कर रहे हैं।
Sheila Dikshit on Delhi CM Arvind Kejriwal to sit on an indefinite hunger strike: Only a Parliament session can change the constitution for Delhi to be accorded full statehood and no parliament session will be held now, so why is he doing this? I don't understand pic.twitter.com/0RSyzzPseM
— ANI (@ANI) February 24, 2019
केजरीवाल ने शनिवार को दिल्ली विधानसभा में इसका एलान किया। वह सदन में नियम 55 के तहत चल रही अल्पकालिक चर्चा के दौरान बोल रहे थे। उन्होंने दिल्ली की सभी समस्याओं के मूल में दिल्ली का पूर्ण राज्य न होने की बात कही। साथ ही दोहराया कि बीते 70 सालों से दिल्ली में जनतंत्र लागू नहीं हो सका है।
दिल्लीवालों के वोट की कीमत दूसरे राज्यों जैसी नहीं है। भाजपा व कांग्रेस का वादा याद दिलाते हुए उन्होंने कहा कि हर चुनाव से पहले दोनों पार्टियां दिल्ली को पूर्ण राज्य बनाने की वादा करती हैं, लेकिन सत्ता हासिल करते ही भूल जाती हैं। इसे दिल्लीवालों के साथ धोखा करार देते हुए केजरीवाल ने कहा कि आज जब आम आदमी पार्टी ने इस मसले का उठाया तो दोनों दल इसका विरोध कर रहे हैं। ये भी पढ़े:देश में ऐसा पहली बार हुआ है, पीएम मोदी ने यूपी में कर दिखाया ऐतिहासिक काम