लोकसभा चुनाव करीब है ऐसे में सभी पार्टियां दलितों को साधने का कोई मौका नहीं छोड़ना चाहती। पूरे देश में दलित वोटबैंक को लेकर चर्चा है आखिर ये किस तरफ जाएगा। पक्ष या विपक्ष सभी दलितों को लेकर बड़े बड़े बयान बाजी कर रहे है। पक्ष कहता है कि दलित मौजूदा सरकार से खुश है और वो मोदी का साथ देगी और देश आगे बढ़ाने में मदद करेगी। तो दूसरी ओर विपक्ष खड़ा जो लगातार दलितों को दलित होने का तंज मार कर कहता है कि मोदी सरकार में दलितों का अपमान होता है।
आपको बता दें कि कुल मतदाताओं में करीब 17 फीसदी दलित है। विपक्ष कहता है कि इस बार दलित मोदी सरकार को वोट नहीं देगा। वही 2014 के चुनावी आकड़ों को देखा जाए तो मोदी सरकार को सबसे ज्यादा वोट दलितो से मिले। कुल वोट का करीब 24 फीसदी। लेकिन सवाल अब ये उठता है कि 2019 में क्या दलित बीजेपी को वोट देगा?
2014 में दलित वोट-किसको कब कितने वोट मिले
बीजेपी को 24 फीसदी वोट मिलें
कांग्रेस को 18.5 फीसदी वोट मिलें
मायावती की पार्टी को 13.9 वोट मिलें
आपको बता दें कि कभी दलित कांग्रेस का कोर वोट बैंक हुआ करता था। अब हम आपको बता दें कि sc/st के लिए आरक्षित देश की 131 सीटों में सबसे अधिक 67 सीटें बीजेपी के पास है। कांग्रेस के पास केवल 13 और तृणमूल कांग्रेस के पास 12 तो वही अन्नाद्रमुक और बीजद के पास सात-सात सीटें हैं। और मायावती की पार्टी बसपा एक भी सीट नहीं जीत पाई थी।
देश में दलित वोट बैंक के पीछे सभी दल है। और वो लगातार पक्ष हो या विपक्ष दलित को अपने पाले में करने के लिए वादों की झड़ी लगा देता है। अब देखना ये होगा कि 2019 के चुनावों में दलित वोट किसको देता है।