लोकसभा चुनाव से ठीक पहले सपा- बसपा का गठबंधन हो गया है. लेकिन इस गठबंधन की वजह से समाजवादी पार्टी को अपने ही नेताओं के बगावती तेवरों का सामना करना पड़ रहा हैं. बस्ती मण्डल में समाजवादी पार्टी को बड़ा झटका लगा है. सपा के दिग्गज नेता राना दिनेश प्रताप सिंह और कपिलदेव सिंह ने पार्टी से इस्तीफा दे दिया हैं। बताया जा रहा है कि उत्तर प्रदेश में बस्ती मंडल की तीनो सीटें बहुजन पार्टी को देने की घोषणा की है. जिसके चलते समाजवादी पार्टी के नेता और कार्यकर्ताओं में नाराजगी चल रही हैं। आपको बता दें कि उत्तर प्रदेश में सपा 37 और बसपा 38 लोकसभा सीटों पर चुनाव लड़ेगी. वहीं आएलडी पार्टी को तीन लोकसभा सीटें दी गई है.
हालांकि, अभी किसी भी राजनीतिक दल की ओर से उम्मीवारों की घोषणा नहीं की गई हैं. बताया जा रहा है बसपा सुप्रीमों मायावती का दबादबा वेस्ट यूपी में माना जाता है. इसलिए मायावती सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव से मन पंसद सीटें ले रही है. समाजवादी पार्टी के नेता राना दिनेश प्रताप सिंह ने कहा कि गठबंधन के बाद सपा नेता व कार्यकर्ता जैसे गिरवी रखे गये हैं। दिनेश प्रताप सिंह वर्तमान में सपा प्रदेश सचिव सहित जिला महासचिव और यूपी ब्लाक प्रमुख संघ के प्रदेश उपाध्यक्ष भी हैं। उन्होंने कहा कि मुलायम सिंह में थी नेतृत्व की क्षमता, वो किसी के आगे झुके नहीं हैं। सियासी गलियारों में चर्चा हो रही कि सपा- बसपा गठबंधन की वजह से समाजवादी पार्टी को बड़ा नुकसान हो सकता है.
बता दें कि इससे पहले भी सपा संरक्षक मुलायम सिंह यादव ने भी सपा- बसपा गठबंधन को लेकर सवाल खड़े कर चुके हैं. “उन्होंने कहा था किस आधार पर बसपा पार्टी को आधी सीटें दी गई है. मेरा मानना है कि यूपी में ज्यादा से ज्यादा 25-26 लोकसभा सीटें जीत पाएंगे. अखिलेश यादव अब तक कैडिडेंट तक फाइनल नहीं कर पा रहे है.” देश में सबसे ज्यादा 80 लोकसभा सीटें यूपी में हैं। ये भी पढ़ें:गठबंधन की चाहत में झुकते चले गए अखिलेश, इस मंडल में भी मायावती हावी