पुलवामा में हुए आतंकी हमले ने पूरे देश को झकझोर के रख दिया. सबको लगा कि भारत हर बार की तरह पाकिस्तान को सबूत सैंपेंगा और पाक उसको हर बार की तरह दरकिनार कर देगा. लेकिन इस बार भारत ने पाकिस्तान को जवाब देते हुए बालाकोट में स्थित आतंकी ठिकानों को नेस्तनाबूद कर दिया. भारतीय वायुसेना के मिग-2000 ने 200 से 300 आतंकियों को जन्नत का रास्ता दिखा दिया. वायुसेना द्वारा की गई एयरस्ट्राइक में जैश से मुहम्मद के सरगना मसूद अजहर के करीबी रिश्तेदार भी मारे गए. इस एयरस्ट्राइक की पूरे देश में जमकर तारीफ की गई, तो समूचा विश्व भारत के साथ खड़ा आया. हालांकि, दोनों देशों के संयम बरतने की भी अपील की गई.
ऐसे में भारत का अब आगे का रास्ता साफ होता हुआ नजर आ रहा है. भारतीय सेना ने ये बता दिया है कि अगर हम पर चोरी छुप्पे हमला करोगे तो हम सामने से वार करके आतंकियों को ढेर कर देंग. वहीं रिटायर्ड एयर मार्शल अनिल चोपड़ा का कहना है कि भारत इस बात का पहले इंतजार करता था कि अमेरिका जैसे बड़े देश पाकिस्तान पर किसी तरह की कार्रवाई करेंगे, लेकिन होता कुछ नहीं था. सब आश्वासन धरे के धरे रह जाते थे. जिसके बाद पाक फिर भारत में हमले करता रहता था. इसका एक कारण अमेरिका की अफगानिस्तान में मौजूदगी होना पाक के लिए बड़ी राहत है. ऐसे में अनिल चोपड़ा की माने तो भारत दूसरे देशों पर केवल सपोर्ट के लिए निर्भर कर सकता है, लेकिन जवाब भारत को खुद ही देना पड़ेगा.
उनका मानाना है कि पाक पर दबाव डालने का एक तरीका ये हो सकता है कि हम आतंकवादियों पर सीधी कार्रवाई करने की बजाय बलूचिस्तान में चल रही बलूचों की साल पुरनी मुहिम को दुनिया के सामने जगजाहिर करें और उनका समर्थन भी करें. पाकिस्तान पर दबाव डालने के लिए भारत को कूटनीतिक तरीके का इस्तेमाल करना चाहिए. ये भी पढ़ें: सीएम योगी की गर्जना राजीव गांधी लाचार थे, पीएम मोदी नहीं