दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल पूर्ण राज्य अधिकार को लेकर अनिश्चितकालीन अनशन पर बैठने जा रहे है। ‘आप’ इसको लेकर पूरी रूपरेखा तैयार कर ली है। ये आंदोलन ना केवल केंद्रित होगा, बल्कि पूरे दिल्ली में चलेगा। इसे लेकर मुख्यमंत्री आवास पर सभी विधायकों, कैबिनेट मंत्रियों, सांसदों व पार्षदों की बैठक हुई और आंदोलन की रूपरेखा तैयार की गई।
आप के सभी फ्रंटल संगठनों व एक हजार संगठन पदाधिकारियों के साथ मंत्री गोपाल राय की भी बैठक हुई। राय ने पत्रकारों से बातचीत में बताया कि आंदोलन को दो भागों में विभाजित किया गया है। एक केंद्रित आंदोलन होगा, जो कि उस स्थल पर होगा, जहां मुख्यमंत्री अनशन पर बैठेंगे। दूसरा समानांतर आंदोलन दिल्ली के अलग-अलग क्षेत्रों में विधायक, पार्षद व पार्टी के पदाधिकारी करेंगे। पूरी दिल्ली को 560 जोन में बांटा गया है। हर लोकसभा स्तर पर पूर्ण राज्य आंदोलन समिति का गठन किया गया है। लोकसभा प्रभारी, विधायक, पार्षद इस समिति के सदस्य होंगे।
विधानसभा स्तर पर भी पूर्ण राज्य आंदोलन कमेटी बनाई जाएगी। इसमें विधानसभा के पदाधिकारी शामिल होंगे। इसके अलावा एक तीसरी कमेटी भी होगी, जो प्रत्येक वार्ड में दो-दो जोन में बंटी होगी। ये कमेटी आंदोलन को जमीन पर संचालित करने का काम संभालेगी। कमेटी के सदस्य अपने अपने क्षेत्र में धार्मिक संगठनों व आरडब्ल्यूए के साथ पूर्ण राज्य के लिए न्याय यात्रा करेंगी।
एक मार्च को सुबह 10 बजे से मुख्यमंत्री अनशन शुरू करेंगे। मुख्यमंत्री का अनशन रामलीला मैदान या जंतरमंतर पर शुरू हो सकता है। हालांकि इस बारे में कोई औपचारिक घोषणा नहीं की गई है। अनशन के दौरान विधायक, पार्षद, लोकसभा प्रभारी, संगठन पदाधिकारी अनशन स्थल पर मौजूद रहेंगे।
2 मार्च से प्रत्येक दिन एक लोकसभा की जिम्मेदारी तय की गई है। लोकसभा प्रभारी व लोकसभा के 10 विधायक, पार्षद व संगठन पदाधिकारी अनशन स्थल पर मुख्यमंत्री के समर्थन में पहुंचेंगे। 2 मार्च को उत्तर-पूर्वी लोकसभा की जिम्मेदारी होगी। 3 मार्च को चांदनी चौक लोकसभा की जिम्मेदारी होगी। 4 मार्च को पूर्वी लोकसभा की जिम्मेदारी होगी। 5 मार्च को दक्षिणी दिल्ली लोकसभा की जिम्मेदारी होगी। 6 मार्च को उत्तर-पश्चिमी दिल्ली लोकसभा की जिम्मेदारी होगी। 7 मार्च को पश्चिमी दिल्ली लोकसभा की जिम्मेदारी होगी। 8 मार्च को नई दिल्ली लोकसभा की जिम्मेदारी होगी। 9 मार्च को सभी फ्रंटल्स पदाधिकारियों की जिम्मेदारी होगी।10 मार्च को कैबिनेट मंत्री, विधायक, सांसद, पार्षद, फ्रंटल पदाधिकारी व कार्यकर्ता अनशन स्थल पर इकट्ठा होंगे और अनशन कार्यक्रम को आगे की दिशा तय करेंगे। आंदोलन के लिए दो मुख्य नारों का भी चयन किया गया है
- दिल्ली अन्याय नहीं सहेगी पूर्ण राज्य अब ले के रहेगी।
- दिल्ली का सम्मान अधूरा पूर्ण राज्य से होगा पूरा।