Republic Day 2023: हम सभी लोग हर साल बहुत ही धूम-धाम से गणतंत्र दिवस मनाते है.आखिर मनाए भी क्यों न इस वजह से भारत को गणतंत्र देश का दर्जा भी तो मिला था. भारत के लिए ये बहुत ही शान की बात है. पर आपने कभी ये बात सोची है कि देश भर में 26 जनवरी को ही क्यों गणतंत्र दिवस मनाए जाते है. तो वहीं भारत का संविधान बनकर पहले ही रेडी कर लिया गया था.
फिलहाल ऐसा क्या कारण था कि दो महीने का इंतजार संविधान लागू करने के लिए करना पड़ गया. आज हम इस बारे में बात करेंगे. हमारा संविधान 26 नवंबर 1949 को बन गया था. इसलिए हर साल इसलिए 26 नंवबर को संविधान दिवस के तौर पर मनाया जाता है. ये बात अवश्य ध्यान रखें कि इस 26 नवंबर 1949 को संविधान बनकर तैयार हो गया था लेकिन लागू इस दिन नहीं किया गया था.
ये रहा मनाने का कारण
26 जनवरी 1950 को संविधान लागू करने के पीछे की वजह अगर आपको पता करनी है तो आपको कुछ इतिहास के पहलुओं के बारे में जानना हाेगा. ये बात 1929 की है जब कांग्रेस का लाहौर अधिवेशन दिसंबर को हो रहा था. इसकी अध्यक्षता पंडित जवाहरलाल नेहरू कर रहे थे. उस दिन उन्होंने बोला था कि 1030 के आखिरी रविवार को हमलोग अपने झंझा फहराकर पूर्ण स्वराज घोषित कर लेंगे.
1030 का आखिरी रविवार 26 जनवरी को पड़ा था. फिलहाल हमारा देश अंग्रेजों से आजाद नहीं हुआ था पर उससे पहले से ही 26 जनवरी 1030 को पूर्ण स्वराज का ऐलान किया गया था. जिसके बाद से हर साल 26 को स्वाधिनता दिवस के तौर पर मनाया जाने लगा.
फिर इसके बाद जब संविधान बनकर लागू किया जाना था, जिसको लागू करने के लिए कौन सा चुना जाए इसपर चर्चा हुई. क्योंकि 26 नवंबर 1949 को बनकर तैयार हुआ था. तो ऐसे में इसे 26 नवंबर और 26 जनवरी दोनों दिनों को मनाने के बजाय दो महीने संविधान लागू करने से रोक दिया गया और 26 जनवरी को स्वाधिनता दिवस के दिन ही
संविधान लागू करने का निर्णय लिया गया, जिससे दोनों दिनों का अपना महत्व बना रहे.
इसका मतलब है कि दो महीने बाद 26 जनवरी 1950 को संविधान लागू हुआ. इसका मतलब है कि 26 नवंबर 1949 को संविधान बनकर लागू किया गया, लेकिन 26 जनवरी को 1950 को लागू किया. इसलिए हर साल हम 26 जनवरी को संविधान को गणतंत्र दिवस मनाते हैं. इसी के साथ ही हम स्वाधिनता दिवस भी मना लेते हैं.
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